बलरामपुर: शासन-प्रशासन के प्रयासों से गरीब/असहायों के अधूरे सपने को साकार करने प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत ‘प्रधानमन्त्री आवास योजना‘ चलाई जा रही है, जिसके माध्यम से ऐसे गरीब-असहाय जिनके पास अपना पक्का मकान नहीं है और निर्धनता के कारण अपना आवास बनाने में असमर्थ रहे हैं, उनको इस योजना का लाभ देकर गरीबों का आवास का सपना साकार किया जा रहा है। कहा जा सकता है कि ‘प्रधानमंत्री आवास योजना‘ गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है। आज हम बात करेंगे विकासखण्ड कुसमी के ग्राम पंचायत चटनियां के रहने वाले पहाड़ी कोरवा रमेश की। श्री रमेश को प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत 2023-24 में प्रधानमंत्री जनमन आवास स्वीकृत हुआ। रमेश ने बताया मेरा कच्ची दिवार वाला अत्यन्त पुराना घर था। पुराने घर मे मुझे व मेरे परिवार को हर मौसम में परेशानियों का सामना करना पड़ता था। बरसात के दिनों में जब मूसलाधार बरसात होती थी, तो मेरे घर के अन्दर पानी ही पानी भर जाता था। जिससे मुझे और मेरे परिवार को बहुत सी दिक्कतों का सामाना करना पड़ता था। रमेश खेती व मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता है और खेती व मजदूरी से पक्का घर बनवाने की दूर-दूर तक कोई उम्मीद नही दिख रही थी। रमेश को ग्राम पंचायत सचिव के माध्यम जानकारी मिली कि प्रधानमंत्री जनमन योजना के द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हो रहा है। तब रमेश ने प्रधानमंत्री आवास योजना में पक्के आवास की उम्मीद में आवेदन कर दिया। कुछ दिन बाद आवास स्वीकृत हो जाने की सूचना मिली। वे बताते हैं कि मुझे यकीन नही हुआ कि मुझे आवास की स्वीकृति मिली है, किन्तु जब मैने बैंक जाकर पता किया तो मेरे खाते में पैसा आ गया था। मैंने अपना घर बनवाना शुरू कर दिया। तीन किश्तों में आवास की धनराशि तथा मनरेगा की मजदूरी मिलाकर मिले पैसों से अपना घर बनवाया, इस पक्के आवास से मुझे काफी मदद मिल रही है। मैं प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को हम विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना लागू करने के लिए धन्यवाद देता हूं कि जिन्होने मुझ जैसी निराश्रित गरीब के बारे में सोचा और घर बनवाने के लिए धनराशि उपलब्ध कराकर मेरी अंधेरी जिन्दगी में रोशनी लाने का काम किया।