रायपुर: इस वर्ष मानूसन की रफ्तार पिछले वर्षों की तुलना में तेज आंकी जा रही है, जोकि दक्षिणी हिस्से कर्नाटक, आंध्रप्रदेश सहित पूरे दक्षिण पश्चिमी हिस्से को कवर करते हुए तेजी से आगे बढ़ रहा है। वहीं, बंगाल की खाड़ी से भी उत्तरपूर्वी हिस्से को कवर करते हुए मानसून का प्रवेश शुरू हो गया है और बिहार में भी इस बार जल्दी मानसून के पहुंचने के आसार हैं। इसकी वजह से छत्तीसगढ़ में दक्षिण और उत्तर दोनों ही क्षेत्रों में इस बार मानसून का प्रवेश एक साथ होना बताया जा रहा है।
चूंकि मानसून एक सप्ताह विलंब से आया है, इसलिए इसके छत्तीसगढ़ के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से में 19-20 जून के आसपास पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। वहीं, गुजरात में आए तूफान का असर भी छत्तीसगढ़ में देखने को मिलेगा और 14 जून से दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्रों में अंधड़ चलने की संभावना भी जताई जा रही है।
इसी बीच प्री मानसून की बारिश बस्तर संभाग में शुरू हो गई है। दंतेवाड़ा में एक सेमी की बारिश रविवार को दर्ज की गई। हालांकि सोमवार और मंगलवार को तापमान में कुछ विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। वहीं, प्रदेश में ज्यादातर जगहों पर बादल छाए रहने की संभावना है। साथ ही एक से दो स्थानों में वज्रपात और बारिश होने के आसार हैं।गुजरात तट से टकराए बिपरजाय तूफान का असर दक्षिणी पश्चिमी छत्तीसगढ़ में पड़ने के आसार बन रहे हैं। इसकी वजह से कोरिया, कवर्धा, बिलासपुर सहित अन्य कई हिस्सों में 14 जून से अंधड़ चलने की संभावना जताई जा रही है। इसकी वजह से तापमान में गिरावट होने के साथ लोगों को गर्मी से राहत मिलनी शुरू हो जाएगी।
मानसून की रफ्तार वर्तमान में काफी तेज है, लेकिन 16-17 जून से इसकी रफ्तार में कमी आने की आशंका मौसम विभाग द्वारा जताई जा रही है। मौसम विज्ञानी एपी चंद्रा के अनुसार मानसून उत्तर और दक्षिण दोनों ही ओर से आ रहा है। लेकिन बाद में रफ्तार धीमी होने के कारण मध्य छत्तीसगढ़ के हिस्से में उत्तर और दक्षिण की तुलना में विलंब से पहुंचना तय है।