कोरिया: देशभर में 1 जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं। तीन नए आपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को लेकर पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार की उपस्थिति में वरिष्ठ कार्यालय से प्राप्त निर्देशों के अनुक्रम में कोरिया पुलिस द्वारा जनजागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से पटना जिला कोरिया में महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन मानस भवन बैकुंठपुर में किया गया।
कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक कोरिया सूरज सिंह परिहार ने अपने उद्बोधन में बताया कि नए कानूनों के माध्यम से नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और अपराधों की रोकथाम में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। आज के डिजिटल युग में साइबर अपराध, डेटा सुरक्षा और तकनीकी धोखाधड़ी जैसे नए प्रकार के अपराध सामने आ रहे हैं। भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 इन नए प्रकार के अपराधों के लिए उपयुक्त कानूनी उपाय प्रस्तुत करती हैं। इनका उद्देश्य अप्रासंगिक हो चुके कानूनों को समाप्त करने के साथ नए समय के साथ नए प्रावधान और समाधान प्रस्तुत करना भी है। नए कानूनों से दोष सिद्धि दर में सुधार के साथ साथ समय से न्याय मिलने की भी उम्मीद है।
इसके पश्चात कलेक्टर विनय लंगेह ने बताया कि ये नई संहिताएं आधुनिक समय की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में स्पष्टता और निष्पक्षता आती है। यह संहिता नागरिकों को सरकारी तंत्र के किसी भी दुरुपयोग से बचाने के लिए कानूनी संरक्षण प्रदान करती है।
एसपी कोरिया एवं कलेक्टर कोरिया के उद्बोधन के पश्चात जिला अभियोजन अधिकारी हरेंद्र कुमार पाण्डेय द्वारा नवीन कानून की अवश्यकता एवं अपरिहार्यता के सम्बन्ध में अपना व्याख्यान दिया। जिसमे उन्होंने नवीन आपराधिक कानूनों में जोड़े गए नई धाराओं, पुराने कानून से हटाई गई धाराओ एवं आवश्यक परिवर्तनो की विस्तृत रूप से जानकारी दी। अपने व्याख्यान में उन्होंने बताया कि नए कानून हमारे देश की विधिक प्रणाली को आधुनिक, समसामयिक और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। इन संहिताओं के माध्यम से न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता, त्वरितता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सकती है। इनकी आवश्यकता और अपरिहार्यता स्पष्ट है, क्योंकि यह न केवल कानून के शासन को मजबूत बनाती हैं बल्कि समाज में न्याय, सुरक्षा और विकास को भी प्रोत्साहित करती हैं।
इसके पश्चात सहायक जिला अभियोजन अधिकारी मनोज प्रताप सिंह द्वारा नवीन कानून में लाए गए महत्वपूर्ण प्रावधान, संशोधन व अन्य विषय वस्तु के सम्बन्ध में बताया कि भारतीय न्याय संहिता 2023 ने भारतीय दंड संहिता 1860 को प्रतिस्थापित किया है, जिसमे 358 धाराओं को शामिल किया गया है। IPC के अधिकांश प्रावधानो को बनाये रखा गया है, नये अपराधो को पेश किया गया है, न्यायालय द्वारा बाधित धाराओं को समाप्त किया गया है और विभिन्न अपराधों के लिए दंड बढ़ाया गया है।
कार्यक्रम के अंत में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोएमएम मोनिका ठाकुर द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी सम्मानीय अतिथियो, गणमान्य विद्यार्थियों, अधिकारियो, कर्मचारियों एवं नागरिको का आभार प्रदर्शन किया गया।
इस जनाजागरूकता कार्यशाला में मुख्य कार्यपालन अधिकारी आशुतोष चतुर्वेदी, जिला शिक्षा अधिकारी कोरिया जितेन्द्र गुप्ता, शासकीय पंडित दीन दयाल उपाध्याय महाविद्यालय पटना प्राचार्य शिव शंकर, पटना शहर के सभी बड़े प्रतिष्ठान के संचालक, व्यापारी संघ, सराफा संघ, पार्षदगण, शांति समिति के सदस्य, स्वयं सेवी संस्था, कोटवार, प्रबुद्धजन, जिला स्तर के अधिकारीगण एवं इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया के सदस्य उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त कॉलेज एवं विभिन्न स्कूल, जिला स्काउट गाईड, NSS एवं NCC के छात्र – छात्राएं उपस्थित रहे।