बच्चों में पढ़ाई के प्रति रूचि लाने अभिभावकों की महती भूमिका

पालकों की सहभागिता से बच्चों में होगा सर्वागीण विकास


बस्ता रहित शनिवार’’ कबाड़ से जुगाड, के साथ पढ़ाया जाएगा नैतिक शिक्षा का पाठ

बलरामपुर: छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार एवं बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में कलेक्टर  रिमिजियुस एक्का के मार्गदर्शन में शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए सभी शैक्षणिक संस्थानों में संकुल स्तर पर कुल 239 संकुलों में पालक शिक्षक मेगा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा कर पालकों से सुझाव भी लिए गए। पालक शिक्षक बैठक का मुख्य उद्देश्य बच्चों के शारीरिक, मानसिक एवं सर्वांगीण विकास हेतु विद्यालय एवं पालकों के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित करना, बच्चों की संपूर्ण गतिविधियों से पालकों को अवगत कराना, बच्चों में पढ़ाई के प्रति सकारात्मक वातावरण बनाना, बच्चों को परीक्षा के भय से चिंतामुक्त करना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप ड्रॉप आउट रोकने के लिए पालकों की भागीदारी सुनिश्चित करना है।

पालक शिक्षक मेगा बैठक में बच्चों से जुड़ी विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तार पूवर्क चर्चा की गई। बैठक में पालकों को अवगत कराया गया कि बच्चों के पढ़ाई के लिए घर पर उचित प्रकाश एवं रोशनी वाली जगह का एक निश्चित स्थान तय करें। जिससे बच्चों के पढ़ाई के प्रति रूचि विकसित की जा सके। बच्चों को पढ़ाई के प्रति अनुशासित रखने के लिए पढ़ाई वाले स्थान पर समय-सारणी का चस्पा करें। जिससे बच्चा समयानुसार अध्ययन कर सकें। पालक यह सुनिश्चित करें कि बच्चा अपनी दैनिक दिनचर्या का पालन कर रहा है या नहीं। बच्चे जब भी विद्यालय से घर पहुंचे अभिभावक बच्चों से स्कूल में सिखाये एवं पढ़ाये गये पाठ्यक्रमो की जानकारी ले। जिससे अभिभावको की बच्चों की शिक्षा में सहभागिता बढ़ेगी और बच्चों के साथ बेहतर संवाद कर उनका सहयोग कर पाएगें। छात्र-छात्राओं को सार्वजनिक रूप से अपने विचारों को व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया जाए। जिससे बच्चा बिना संकोच के अपनी बातों को रख सकता है। परीक्षा संबंधी तनाव से दूर रखने के लिए समय-समय पर अभिभावक अपने बच्चों से चर्चा कर बेहतर तैयारी व अच्छे अंक लाने के लिए प्रोत्साहित करें।

अभिभावको को बस्ता रहित शनिवार के बारे में जानकारी दी गई की शनिवार को बच्चों को विद्यालयों में बिना बस्ता के उपस्थित होना है। इस दिन शिक्षकों द्वारा विभिन्न गतिविधियां जैसे कबाड़ से जुगाड़, जल संरक्षण, पेड़-पौधों का संरक्षण, खेल-कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्वच्छता पर विशेष ध्यान, व्यक्तिगत साफ-सफाई, किचन गार्डन, नैतिक शिक्षा कि जानकारी दी जाएगी। पालको को स्कूलों में बच्चों का समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण के संबंध में जागरूक किया गया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित समयावधि में बच्चों को जांच के साथ दवाई उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों के जाति, आय, निवास प्रमाण पत्र बनाने के संबंध में बताया गया। ताकि संबंधित वर्गो को शासकीय योजनाओं का लाभ मिल सके। पालको को छात्र की कक्षा वार योग्यता अनुरूप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षओं एवं छात्रवृति योजनाओं के संबंध में अवगत कराया गया। जिससे छात्र-छात्राएं लाभान्वित हों।

बैठक में पालको को शिक्षा संबंधित विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्म जैसे दीक्षा एप्प, ई-जादुई पिटारा, डिजिटल ई-लाईब्रेरी के बारे में बताया गया। इस एप्प के माध्यम से बच्चों में पढ़ाई के प्रति रूझान बढ़ेगा। पालको की सामुदायिक भागीदारी पर आधारित न्योता भोज के बारे में बताया गया कि विभिन्न महत्वपूर्ण अवसर पर जैसे – जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ, राष्ट्रीय पर्व आदि अवसरों पर शाला के बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की एक अच्छी पहल है। जिसे किसी भी व्यक्ति/समुदाय द्वारा अपनी इच्छा से संस्था प्रमुख के अनुमति के बाद किया जा सकता है। जिला शिक्षा अधिकारी  डी.एन. मिश्रा, जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा  रामप्रकाश जायसवाल के द्वारा संकुलों में आयोजित पालक-शिक्षक मेगा बैठक का निरीक्षण भी किया गया।

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