अभिषेक सोनी
अंबिकापुर: पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सरगुजा रेंज अंकित गर्ग के नेतृत्व में आज मैनपाट जिला सरगुजा में रेंज स्तरीय दोषमुक्ति प्रकरणों की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण बैठक में कुल 839 प्रकरणों की गहन समीक्षा की गई। बैठक में न्यायालय द्वारा आरोपियों के दोषमुक्त होने के कारणों की विस्तार से चर्चा की गई और विवेचना प्रक्रिया में सुधार के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए। 

आईजी सरगुजा ने गंभीर प्रकरणों में विवेचकों द्वारा की जाने वाली त्रुटियों को दूर करने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने भौतिक साक्ष्यों के फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के साथ सुरक्षित संग्रहण पर बल दिया। इसके अतिरिक्त, प्रकरण के प्रार्थी और गवाहों से निरंतर संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए, ताकि वे न्यायालय में स्वतंत्र और निर्भीक रूप से अपने बयान दे सकें। 


महिलाओं और बच्चों से संबंधित गंभीर प्रकरण, जैसे कि बलात्कार और पॉक्सो एक्ट के मामलों में, 60 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से चालान पेश करने पर जोर दिया गया। श्री गर्ग ने ऐसे प्रार्थी/पीड़िता जो न्यायालय में अपने बयान से पलटते हैं, उनके विरुद्ध कानूनन कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए अभियोजन अधिकारियों को निर्देशित किया।  एनडीपीएस एक्ट, आबकारी एक्ट, और सड़क दुर्घटनाओं के प्रकरणों में दोषमुक्ति के कारणों की समीक्षा की गई। विवेचना में सुधार के लिए कार्यशाला आयोजित करने का सुझाव भी दिया गया। 

इस अवसर पर आईजी सरगुजा ने कहा कि दोषमुक्ति के मामलों में सुधार लाने के लिए पुलिस और अभियोजन विभाग को एकजुट होकर कार्य करना होगा। बैठक के अंत में सभी अधिकारियों को प्रकरणों की विवेचना में पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़ाने के निर्देश दिए गए।  

बैठक में रेंज के सभी पुलिस अधीक्षक और लोक अभियोजन अधिकारी उपस्थित रहे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सूरजपुर  प्रशांत ठाकुर, पुलिस अधीक्षक सरगुजा  योगेश पटेल, पुलिस अधीक्षक एमसीबी  चंद्र मोहन सिंह, पुलिस अधीक्षक कोरिया रवि कुर्रे, पुलिस अधीक्षक बलरामपुर  वैभव वैकर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जशपुर  अनिल कुमार सोनी, और एसडीओपी सरगुजा एम.आर. कश्यप, रक्षित निरीक्षक तृप्ति सिंह , आईजी रीडर सुभाष ठाकुर उपस्थित रहे।

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