कोरिया: राज्य में चालू खरीफ सीजन के दौरान रोका छेका अभियान पुनः चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसकी सफलता के लिए सभी किसानों एवं पशुपालकों से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा है कि फसलों की बुवाई के बाद किसानों की सबसे बड़ी चिन्ता फसलों की देखभाल और उसकी सुरक्षा की होती है। फसलों की सुरक्षा के लिए रोका-छेका का अभियान महत्वपूर्ण साबित हो रहा है, इससे हमारी फसल और पशुधन दोनों सुरक्षित रहेंगे।

इसी कड़ी में कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने ग्राम पंचायत आनी स्थित गौठान से जिले में रोका छेका अभियान का औपचारिक शुभारंभ किया। उन्होंने ग्रामीणों को रोका छेका अभियान के उद्देश्य की जानकारी दी और अभियान के सफल क्रियान्वयन में सहयोग करने कहा। कलेक्टर श्री शर्मा ने संबंधित विभागों को भी रोका-छेका अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सचिव को निर्देशित करते हुए कहा कि यदि कोई पशुपालक बाहर सड़कों पर अपने पशुधन छोड़ता है तो उसपर जुर्माने की कार्रवाई भी सुनिश्चित करें।


खरीफ फसलों की सुरक्षा के लिए इस वर्ष भी प्रदेशव्यापी रोका-छेका का अभियान शुरू किया गया है। इस दौरान फसल को चराई से बचाने के लिए पशुओं को नियमित रूप से गौठान में लाया जाना है। गौठानों में पशु चिकित्सा शिविर लगाकर पशुओं के स्वास्थ्य की जांच, पशु नस्ल सुधार हेतु बधियाकरण, कृत्रिम गर्भधान एवं टीकाकरण किया जा रहा है। कलेक्टर श्री शर्मा ने जिले के सभी विकासखंड में अभियान का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

गौरतलब है कि रोका-छेका प्रदेश की पुरानी परंपरा है। राज्य में बीते सालों में भी यह अभियान चलाया गया था, जिसका परिणाम बड़ा ही उत्साहजनक रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य में चालू खरीफ सीजन के दौरान 20 जुलाई तक यह अभियान पुनः चलाया जा रहा है।

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