सूरजपुर: ग्राम पंचायतो की तस्वीर बदलती दिख रही है। ग्राम पंचायतों में नरवा, गरूवा, घुरूवा व बाड़ी के संरक्षण, संवर्धन के कार्यों में मूर्त रूप ले लिया है। इस योजना के तहत जिले के जनपद पंचायत प्रतापपुर के वर्तमान में 78 गौठान स्वीकृत है, जिसमे प्रतापपुर के 56 गौठानों में गोबर खरीदी और वर्मी खाद तैयार करने की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है, साथ ही गौठान में पशुओं के डे-केयर सेंटर के रूप में विकसित किया गया है जिस अन्तर्गत चारा खिलाने हेतु कोटना निर्माण, पेयजल हेतु पानी टंकी का निर्माण, बारिश के दिनों में पशुओं के बैठने हेतु चबुतरा निर्माण, अंजोला टैंक निर्माण, वर्मी खाद तैयार करने हेतु पक्का वर्मी टैंक निर्माण, सी.पी.टी., डब्ल्यू.ए.टी. व चौक लिंक फेंसिंग कार्य एवं मल्टी एक्टिविटी सेंटर के लिए बकरी शेड, मुर्गी शेड एवं मशरूम शेड का निर्माण किया गया है।
ड्रीम प्रोजेक्ट सुराजी गांव योजना के तहत गांव-गांव स्थापित गौठान रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (त्प्च्।) के रूप में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के जीवंत केन्द्र के रूप में उभर रहे है। वर्तमान में विकास खण्ड प्रतापपुर अंतर्गत 02 गौठानो खड़गवाकला एवं सत्तीपारा में इस योजना का संचालन किया जा रहा है। गतिविधियों से ग्रामीणो को उनके गांव में ही रोजगार मिल रहा है और उनसे उन्हें अच्छी आमदनी भी हो रही है। साथ ही साथ आलू चिप्स इकाई, बेकरी, एचडीपीई बैग निर्माण, तेल प्रसस्करण एवं मल्टीग्रेन आटा प्रसंस्करण, मूंगफली प्रसंस्करण इकाई स्थापित किया जा रहा है। दोनों रीपा गौठानों में 5-5 एकड़ भूमि में जेरेनियम प्लांट लगया गया है, जिसका प्रोसेसिंग करके संुगंधित तेल का उत्पादन किया जाएगा, दोनों जगह प्रोसेसिंग युनिट तैयार किया जा चुका है। जिरेनियम के तेल का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की दवाई बनाने के रूप में भी किया जाता है।
जिरेनियम के तेल का इस्तेमाल करने से अल्जाइमर, तंत्रिका विकृति और कई अन्य विकारों की समस्या को कम करता है। इसके साथ ही इसके तेल से बनी दवाइयों का इस्तेमाल मुंहासों, सूजन और एक्जिमा जैसी स्थिति में भी लाभकारी बताया जाता है। जिरेनियम बढ़ती उम्र के प्रभाव को भी कम करता है। इसके साथ ही मांसपेशिया और त्वचा, बाल और दांतों को होने वाले नुकसान में भी इसका प्रयोग लाभकारी माना गया है।