अंबिकापुर। संयुक्त संचालक शिक्षा के द्वारा 350 शिक्षकों का प्रमोशन के बाद पदस्थापना के बाद फिर से पोस्टिंग के लिए संशोधन आदेश जारी करने के मामले में सरगुजा आयुक्त ने जांच पूरी कर रिपोर्ट राज्य सरकार क़ो भेज दिया है। बताया जा रहा है कि जांच प्रतिवेदन में गड़बड़ी का उल्लेख किया गया है लेकिन अब तक सरकार स्तर पर मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई है। 22 सौ सहायक शिक्षकों व शिक्षकों की पदोन्नति के बाद उनकी पोस्टिंग के दौरान काउंसलिंग में रिक्त पदों क़ो छिपाकर रखने और बाद में उन रिक्त पदों पर 350 शिक्षक़ो की कुछ माह के भीतर ही दुबारा संशोधन आदेश जारी कर मनमाफिक स्कूलों में पोस्टिंग देने का खुलासा हुआ था, इसके बाद सरगुजा आयुक्त शिखा राजपूत तिवारी ने एक जांच कमेटी बनाई थी। इस पर जांच टीम ने जेडी कार्यालय से इससे जुड़े दस्तावेज जब्त कर लिया था और जांच की, बताया गया है कि जांच में उसी तरह की गड़बड़ी मिली है जिस तरह बिलासपुर में जेडी के द्वारा गड़बड़ी की गई लेकिन सरकार क़ो जांच रिपोर्ट भेजे जाने के बाद भी जिम्मेदार अफसर पर कार्यवाही नहीं होने से कई सवाल उठ रहें हैं। बता दें कि मनमाफिक स्कूलों में पोस्टिंग के नाम पर डेढ़ डेढ़ लाख रुपए रिश्वत लेने की चर्चा शिक्षकों के बीच में आज भी है, वहीं कई विधायकों व मंत्रियों ने भी संशोधन आदेश के लिए सिफारिश वाले पत्र भेजे थे। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार स्तर पर इन्हीं कारणों से अब तक कार्यवाही नहीं हुई है।


सरकार क़ो कार्यवाही के लिए रिपोर्ट भेजा

सरगुजा आयुक्त सीखा राजपूत तिवारी ने बताया कि जेडी दफ्तर से जब्त दस्तावेज के आधार पर पोस्टिंग व प्रमोशन की जांच कर रिपोर्ट शिक्षा विभाग क़ो रिपोर्ट भेज दिया गया है। जांच में क्या मिला के जवाब में आयुक्त ने कुछ भी बोलने से इंकार किया और कहा कि ज़ो भी कार्यवाही होगी वह सरकार स्तर से ही होंगी।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!