कोरिया: कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा की सर्पदंश की स्थिति में अनैतिक प्रक्रिया में शामिल न होकर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से ही अपना इलाज करवाएं।
उन्होंने बताया कि सर्पदंश एक अवांछित आपदा हो सकती है और उसका प्रभाव जीवन, स्वास्थ्य और आर्थिक क्षेत्र में होता है, इसलिए उपयुक्त प्रबंधन के लिए तैयारी और कार्रवाई अत्यंत आवश्यक होती है। आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में निहित प्रावधान अनुसार प्रदेश में सर्पदश आपदा से बचाव एवं सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए श्सर्पदंश आपदा मानक संचालन प्रक्रियाः को पुनः सक्रिय किया गया है जिसका उद्देश्य है कि सर्पदंश के प्रकरणों में कमी लाना, सर्प एवं सर्पदंश के प्रति लोगों को जागरूकता करना है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि सर्पदंश के पश्चात् तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर उचित उपचार से व्यक्ति की मृत्यु होने से बचाया जा सकता है, उन्होंने ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में उचित दवाईयां उपलब्ध है जिससे सर्पदंश की घटना होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचकर जीवन हानि से बचा जा सकता है।
आपदा प्रबंधन द्वारा जारी निर्देशानुसार सर्पदंश आपदा से बचाव एवं सुरक्षा हेतु व्यक्ति को सर्पदश की स्थिति में काटे गये जगह को साबून पानी से धोए दात के निशान की जांच करें, कहीं जहरीले सर्प के काटने का दो दंत का निशान तो नहीं, काटे हुए अंग को हृदय के लेवल से नीचे रखें, सर्पदंश वाले अंग को स्थिर करें। बँडेज घायल व्यक्ति को सांत्वना दें, घबराहट से हृदयगति तेज चलने से रक्त संचरण तेज हो जाएगा और जहर सारे शरीर में जल्द फैल जायेगा तुरंत अस्पपाल ले जाएं एवं बडेज यदि जहरीले सर्प ने काटा है तो एण्टी वेनम का स्नैक एव्हीएस का इंजेक्शन डॉक्टर से लगवाए। इसी प्रकार सर्प के काटने पर व्यक्ति बर्फ अथवा गर्म पानी का इस्तेमाल काटे गये स्थान पर न करें अप्रशिक्षित व्यक्ति टुर्निकेट न बांधे। इससे संबंधित अंग में रक्त प्रवाह पूरी तरह रूक सकता है एवं संबंधित अंग की क्षति हो सकती है। काटे गये स्थल पर चीरा न लगाए, यह आगे नुकसान पहुंचाता है। घायल को चलने से रोके, मुंह से कटे हुए स्थान को न चुसे शराब/नींद आने की कोई दवा न दें।