नई दिल्ली। जल परिवहन से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए मैरिटाइम विजन- 2030 पर काम कर रही मोदी सरकार का मानना है कि जलमार्ग से भारत की आर्थिक प्रगति की नई राह तैयार होगी। अगले पांच वर्ष में कंटेनर हैंडलिंग क्षमता दोगुणी यानी 40 मिलियन टीईयू (बीस फुट समतुल्य इकाई) हो जाएगी, जिससे 20 लाख नई नौकरियों के अवसर भी तैयार होंगे।
सरकार के 100 दिन की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए केंद्रीय पोत पत्तन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मैरिटाइम विजन-2030 पर मंत्रालय काम कर रहा है। इसके तहत अब तक के कार्यकाल में इन्फ्रास्ट्रक्चर को काफी मजबूत किया जा चुका है।
भारत में जहाज निर्माण और मरम्मत के क्षेत्र में नेतृत्व करने की भी क्षमता है। इसे देखते हुए ही महाराष्ट्र, केरल, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और गुजरात में शिप बिल्डिंग एंड रिपेयर क्लस्टर बनाए जा रहे हैं। इसी तरह भारत क्लीन एनर्जी के क्षेत्र का भी अगुआ बन सकता है। इस उद्देश्य से कांदला और वीओसी पोर्ट को हाइड्रोजन मैन्फुफैक्च¨रग हब बनाने के लिए
ब्लू इकोनॉमी ग्रोथ का रोडमैप तैयार करने के लिए ही नवंबर में मुम्बई में ओशियन कान्फ्रेंस ‘सागरमंथन’ आयोजित करने का निर्णय लिया है, जिसमें दुनियाभर के जल परिवहन उद्योग से जुड़े दिग्गज शामिल होंगे। मंत्रालय के सचिव टीके रामचंद्रन ने बताया कि सरकार मैरिटाइम डेवलपमेंट फंड बनाने जा रही है। इसके माध्यम से शिप बि¨ल्डग, ग्रीन एनर्जी वेसल आदि को प्रोत्साहित करने के लिए निजी क्षेत्र को वित्तीय सहायता दी जाएगी।
इसके अलावा भी सरकार ऐसी कई योजनाओं पर विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि हरित नौका योजना अंतरदेशीय जहाजों के लिए हरित ईंधन में बदलाव को बढ़ावा देगी और कोचीन शिपयार्ड में हाइड्रोजन संचालित जहाजों का निर्माण किया जाएगा।इसके अलावा बढ़ते घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रूज पर्यटन को समायोजित करने के लिए गोवा में मोरमुगाओ पोर्ट क्रूज टर्मिनल के संचालन के साथ भारत को एक प्रमुख क्रूजिंग डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने के लिए क्रूज इंडिया मिशन शुरू किया जाएगा।