जगदलपुर:बस्तर के बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित गांव मिनूर का एक वायरल वीडियो हाल ही में चर्चा में आया है, जिसमें स्थानीय लोग उफनती चिंतावागु नदी को जान जोखिम में डाल कर एक गंज के सहारे पार करते नजर आ रहे हैं। बारिश के मौसम में यह उनकी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है।साल दर साल यही समस्या बनी हुई है, और सरकारी विकास के दावे इस कठिनाई को दूर करने में विफल रहे हैं। वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे ग्रामीण एलिम्युनियम की गंज का सहारा लेकर नदी पार करने की जोखिम भरी प्रक्रिया अपनाते हैं, जो उनकी जीवन की नैया बन चुकी है।
गांव के युवाओं ने इस दर्दनाक स्थिति को सोशल मीडिया पर साझा किया है, ताकि किसी मसीहा के रूप में उनकी मदद की जाए। बस्तर के अंदरूनी इलाकों में मानसून के दौरान नदी-नाले उफान पर रहते हैं और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है, जिससे स्थानीय लोग जूझ रहे हैं।सरकारें आती जाती रहती हैं, लेकिन इस क्षेत्र के हालात जस के तस हैं।
आदिवासी समुदाय हर साल बारिश के मौसम में इसी तरह की कठिनाइयों का सामना करता है, जबकि सरकारी दावे विकास की तस्वीर पेश करते हैं। यह स्थिति बताती है कि बारिश का मौसम उनके लिए न सिर्फ मौसम, बल्कि जीवन की एक बड़ी चुनौती भी बन गया है।