बलरामपुर: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना से जल संवर्धन एवं जल संरक्षण का कार्य किया जा रहा है, जिससे भू-जल स्तर में वृद्धि हो रही है साथ ही ग्रामीण परिवारों का जीवन यापन का दायरा भी बढ़ रहा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना से ग्रामीण परिवारों को 100 दिन का रोजगार मुहैया कराने के साथ-साथ गरीब, लघु और सीमान्त किसानों के आय में भी वृद्धि का पर्याय बना हुआ है।
इसका उदाहरण बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के विकासखण्ड बलरामपुर के ग्राम पंचायत चम्पापुर में स्थित रेवता सेमर नाला में वितीय वर्ष 2020-21 में 19 लाख 95 हजार की लागत से मिट्टी बांध का निर्माण कराया गया। ग्रामवासियों के लगन और मेहनत से मिट्टी बांध का निर्माण सही समय पर पूर्ण हुआ तथा बांध निर्माण से लोगों को रोजगार भी प्राप्त हुआ एवं बांध के बन जाने से आसपास के किसानों के 60 एकड़ से भी अधिक क्षेत्र में सिंचाई का रकबा बढ़ा है, अब चाहे खरीफ सीजन में धान की फसल हो या रबी सीजन में गेहुं एवं सरसों की फसल, इस बांध के बन जाने से ग्राम पंचायत चम्पापुर के किसानों को फसल की गारण्टी मिल गई है। चूंकि यह बांध बारहमासी बहने वाले नाले पर बना है, साथ ही बांध का भराव क्षेत्र काफी विषाल है जिसमें काफी दूर तक पानी लबालब भरा रहता है जिसके कारण पंचायत एवं ग्रामवासी इस बांध में मछली पालन भी कर रहे हैं। मछली पालन से उन्हें अतिरिक्त आय भी प्राप्त हो रही है। बांध बनने से मनोहर, रामलाल, रामप्रसाद, प्रेमचंद, बिफन, धनसाय जैसे अनेक लघु एवं सीमान्त कृषक लाभान्वित हो रहे हैं। किसानों ने बताया कि धान की फसल में धान के बाली आने के समय खेतों में पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती थी और वर्षा की भी अनिष्चितता बनी रहती थी। लेकिन बारहमासी नाले में बांध के बन जाने से चम्पापुर के किसान धान की खेती के साथ-साथ अब साल भर साग-सब्जियों की खेती भी कर रहे हैं, जिससे उन्हें साग-सब्जी खरीदना नहीं पड़ता और पैसे की बचत भी होती है तथा साग-सब्जी बेचकर उनकी अतिरिक्त आमदनी हो भी हो रही है। मिट्टी का बांध उनके जीवन स्तर को आगे बढ़ाने में उपयोगी सिद्ध हुआ है।
ग्राम पंचायत चम्पापुर की सरपंच मनीदेवी एवं जनप्रतिनिधिजनों का भी कहना है कि यह बांध चम्पापुर के किसान के लिये बहुत ही लाभकारी है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना से बने बांध से काफी तादाद में लोग अनेक प्रकार से लाभ ले रहे हैं और लोगों के आय में भी वृद्धि हो रही है। इस प्रकार इस योजना से गांव के लोगों में आय के साधन बढ़े है और ग्रामीणों में मनरेगा के प्रति विश्वास बढ़ा है।