अम्बिकापुर: पैरा रोलर मशीन का ट्रायल अम्बिकापुर जनपद के ग्राम सोहगा और करजी के किसानों के खेत में शुक्रवार को कृषि विभाग द्वारा किया गया। ट्रायल को देखने आस-पास के किसान और ग्रामीण बड़ी संख्या में खेत पहुंचे। किसान उत्सुकता से मशीन के काम करने के ढंग को देखते हुए पीछे-पीछे चलने लगे। रोलर मशीन खेत मे पड़े हुए पैरा को समेट कर अंदर डाल देता है और बंडल बनाकर बाहर निकाल देता है। इस बंडल बने पैरा को कम स्थान में लंबे समय तक रखा जा सकता है। हार्वेस्टर से धान कटाई कराने के बाद किसान इस मशीन का उपयोग कर पैरा का समुचित उपयोग कर पाएंगे जिससे उन्हें आर्थिक लाभ मिलेगा।कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने कृषि विभाग के अधिकारियों को पैरा रोलर मशीन का उपयोग शुरुआत में किसानों द्वारा गोठान के लिए पैरादान किए गए पैरा की बंडलिंग कर गोठान में रखने निर्देशित किया है। गोठान में बंडलिंग कर पैरा का बेहतर रख-रखाव होने से मवेशियों को बारहों माह पैरा मिल सकेगा। किसानों को इसे किराए में भी देने विचार किया जा रहा है।सरगुजा संभाग में पैरा रोलर मशीन का पहली बार उपयोग किया जा रहा है। जिले में किसानों को उन्नत तकनीक से खेती करने कलेक्टर के मार्गदर्शन में कृषि विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है।ज्ञातव्य है कि जिला खनिज न्यास मद से स्वीकृत राशि 3 लाख 50 हजार रुपये से पैरा रोलर मशीन क्रय कर कृषि विभाग को सौंपा गया है। पैरा रोलर मशीन ट्रेक्टर से अटैच होता है। प्रति घण्टा मशीन की क्षमता 8 से 10 बंडल बनाने का है। बंडलिंग किये गए पुआल का वजन अनुमानित 20 से 25 किलोग्राम तक होता है। इस मशीन की क्षमता प्रति घण्टा दो से ढाई क्विंटल पुआल का बंडल बनाने का है जो हार्वेस्टर से फसल काटने के बाद खेत मे पड़े पुआल को समेटने और बंडल बनाने का काम करता है।यह मशीन उन किसानों के लिए वरदान होगा जो धान की कटाई हार्वेस्टर से करते हैं। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रो में किसान धान को हार्वेस्टर से काट कर खेत मे ही छोड़ देते हैं जिससे वह व्यर्थ हो जाता है और किसानों को आर्थिक रूप से नुकसान होता है। अब इस मशीन का उपयोग कर किसान खेत मे पड़े पैरा को आसानी से समेटकर लंबे समय तक रख सकेंगे और समुचित उपयोग भी कर पाएंगे।