कोरिया: जहां कभी ग्रामीण महिलाओं का दिन घर द्वार के कामों में ही बीतता था, अब वहीं महिलाएं गौठानों में स्वसहायता समूहों के रूप में जुड़कर लाखों कमा रही हैं। शासन की गोधन न्याय योजना ने तीन तरह से महिलाओं की मदद की। पहला, घर के नजदीक काम, दूसरा काम में दिन के कुछ ही घण्टे काफी हैं, और तीसरा गौठान में खरीदे गए गोबर से बने वर्मी कम्पोस्ट को बेचकर कमा रही हैं। इसके अलावा महिलाएं समूह के रूप में काम करके टीम वर्क के आईडिया को समझ रही हैं। खरीदी-बिक्री के गणित को समझ रही है और सबसे महत्वपूर्ण जैविक कृषि के महत्व को समझ रही हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य शासन की मंशानुरूप जैविक कृषि को बढ़ावा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में जिले के गौठानो में वर्मी कम्पोस्ट खाद निर्माण का कार्य प्रगति पर है। वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन और विक्रय से स्वसहायता समूहों की महिलाओं को रोजगार का साधन मिला है और हाथों में कमाए पैसों ने महिलाओं में आत्मविश्वास जगाया है।

सुदूर वनांचल देवगढ़ में समूह ने कमाए 3.68 लाख, खासियत – सभी सदस्य विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा से

केस 1 – जिला मुख्यालय से लगभग 150 किमी दूर विकासखण्ड भरतपुर के दूरस्थ ग्राम देवगढ़ की सरस्वती महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने सर्वाधिक 939 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद बेचकर 3.68 लाख तक कमाए है। खास बात है कि इस महिला समूह की सभी सदस्य विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा से हैं।
समूह की अध्यक्ष चन्द्रवती बैगा बताती हैं कि वर्मी कम्पोस्ट खाद के लिए बिहान के द्वारा महिलाओं को पारम्परिक खाद बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद महिलाओं ने वर्मी खाद निर्माण में रूचि दिखाई और उनकी मेहनत रंग लाई। उन्होंने बताया कि गौठान में 20 टांको में वर्मी खाद का निर्माण किया जा रहा है, प्रत्येक टांके में लगभग 5 क्विंटल खाद का उत्पादन हो जाता है। समूह की महिलाओं ने बताया जैविक खेती से मिट्टी की उर्वरा क्षमता बनी रहती है। वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति और उत्पादन बढ़ोत्तरी के साथ-साथ उत्पादित खाद्यान्न की पौष्टिकता भी अच्छी होती है। यह रासायनिक खाद की अपेक्षा किसानों को सस्ते दाम पर उपलब्ध हो जाती है।


जिले में वर्मी कम्पोस्ट विक्रय से सर्वाधिक लाभांश 7.07 लाख रूपये इस समूह को

केस 2 – विकासखण्ड मनेन्द्रगढ़ के गौठान पिपरिया की सती एवं विद्या स्वसहायता समूह ने मई माह तक सर्वाधिक 18 लाख रूपये की कीमत का वर्मी कम्पोस्ट विक्रय किया जिसमें संलग्न समूह को 7.07 लाख रूपये का लाभांश हासिल हुआ।

वर्तमान में विद्या स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा वर्मी कम्पोस्ट खाद निर्माण का कार्य किया जा रहा है। समूह की अध्यक्ष सीता ने बताया कि समूह की महिलाओं द्वारा वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा रहा है, वर्मी खाद के विक्रय से मिली राशि का सभी महिला सदस्य अपने अनुसार उपयोग कर अपनी घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहे हैं। इसी समूह की सदस्य श्रीमती मानकुंवर बताती हैं कि उन्होंने वर्मी खाद के विक्रय से मिले लाभांश को घर में खेती-किसानी के काम मे लगाया है। इससे वे अपने परिवार की मदद कर पा रही हैं। परिवार की आर्थिक मदद कर पाना अपने आप में बड़ी बात है और सुकून की बात भी।


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विकासखण्ड भरतपुर में सर्वाधिक खाद विक्रय कर लाभ अर्जित करने वाले समूहों में ग्राम गौठान देवगढ़ की सरस्वती महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने सर्वाधिक 3.68 लाख रूपये, गौठान जनुआ के आरती स्व सहायता समूह 3.56 लाख रूपये कमाए हैं, गौठान कुँवारपुर के काली मां स्वसहायता समूह 2.94 लाख, गौठान तोजा के चांगदेवी स्वसहायता समूह ने 2.89 लाख, गौठान जनकपुर के सक्षम स्वसहायता समूह 2.56 लाख, गौठान माड़ीसरई के मुड़ा टोला स्व सहायता समूह को 2.48 लाख कमाए है।
विकासखण्ड मनेन्द्रगढ़ के गौठान पिपरिया की सती एवं विद्या स्वसहायता समूह ने वर्मी कम्पोस्ट विक्रय से 7.07 लाख रूपये, गौठान रोझी की संतोषी स्वसहायता समूह को 2.85 लाख रूपये, गौठान बेलबहरा के जागृति महिला स्वसहायता समूह को 2.25 लाख, गौठान तिलोखन को प्रतिभा स्वसहायता समूह 1.86 लाख रूपये, गौठान बुंदेली के रानी कुंडी महिला स्वसहायता समूह 1.75 लाख रूपये एवं गौठान पसौरी के जय मां शारदा समूह 1.02 लाख रूपये का लाभांश अर्जित किया है।

इसी प्रकार विकासखण्ड बैकुण्ठपुर के गौठान कटकोना की जय माँ गौरी एवं शंकर स्वसहायता समूह को 3.93 लाख, गौठान जूनापारा के भक्ति स्वसहायता समूह 2.64 लाख रूपये, गौठान उमझर को शिव महिला स्व सहायता समूह 1.98 लाख रूपये, गौठान छिंदिया के जागृति स्वसहायता समूह 1.96 लाख रूपये, गौठान सोरगा की माँ कुदरगढ़ी स्वसहायता समूह 1.62 लाख रूपये और गौठान रनई की नारी शक्ति स्वयं सहायता समूह 1.46 लाख रूपये कमाए हैं।
विकासखण्ड खड़गवां के गौठान बरदर के मां दुर्गा स्वसहायता समूह की महिलाओं ने वर्मी कम्पोस्ट विक्रय कर 2.29 लाख रूपये का लाभांश कमाया है। गौठान गिद्धमूड़ी के दुर्गा स्वसहायता समूह ने 1.49 लाख, गौठान सकरिया के शिवशक्ति स्वसहायता समूह 1.42 लाख, गौठान देवाडांड की नारीशक्ति स्व सहायता समूह 1.39 लाख, गौठान पेण्ड्री के सरस्वती महिला समूह 1.71 लाख रूपये एवं गौठान भरदा के आशा महिला स्वसहायता समूह ने 1.30 लाख रूपये की आय अर्जित की है।

विकासखण्ड सोनहत के गौठान सुंदरपुर के भावना स्वसहायता समूह 3.02 लाख रूपये, गौठान कुँवारपुर के काली मां स्वसहायता समूह 2.94 लाख रूपये, गौठान घुघरा के राखी स्वसहायता समूह 2.24 लाख रूपये कमाए है, गौठान पोड़ी के साक्षर महिला स्वसहायता समूह को 2.11 लाख रूपये, गौठान कुशहा के लक्ष्मी महिला स्वसहायता समूह ने 2.08 लाख और गौठान कुशमहा के निर्मल स्वयं सहायता समूह ने सर्वाधिक वर्मी खाद बेचकर 1.90 लाख की कमाई की है।

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