अंबिकापुर. सरगुजा जिले में एक एनजीओ पर लगातार सरकारी विभाग के अफसरों से मिलकर गड़बड़ी का आरोप लग रहा है। बतौली ब्लाक में पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोगों को इलेक्ट्रेशियन की ट्रेनिंग देने में गड़बड़ी का आरोप लगा है। इसकी शिकायत बतौली थाना में की गई है। वहीं 14 पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोगों का बयान लिया गया है लेकिन दोषी लोगों के खिलाफ अब तक अपराध दर्ज नहीं किया गया है। मामले की शिकायत करते हुए समाजिक कार्यकर्ता एएन पांडे ने पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोगों के साथ पुलिस में आवेदन दिया। बताया गया है कि ट्रेनिंग में बुजुर्ग महिलाओं को भी ट्रेनिंग दिया गया, हालांकि ट्रेनिंग में उनका उम्र कम बताया गया है। पुलिस को बयान में पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोगों ने बताया कि ट्रेनिंग के नाम पर उन्हें टूल किट दिया गया है जिसमें पाना पेचकस है। बताया गया है कि 2020 में घोघरा के परसा ढाब पारा में आंगनबाड़ी भवन में उन्हें बिजली मिस्त्री का काम सिखाने के नाम पर बुलाया गया और वहां उन्हें दो दो समोसा दिया गया और उसके दूसरे दिन पाना पेचकस। इसके बाद फोटो खिंचा गया, तब इसके बाद में पता चला कि उन्हें ट्रेनिंग देना था लेकिन नहीं दिया गया। बताया गया है कि यह काम एनजीओ ग्रामीण साक्षरता सेवा संस्थान द्वारा दिया गया। इसके लिए 9.45 लाख रुपए खर्च भी किया गया। यह काम एनजीओ को आदिवासी विकास विभाग के माध्यम से जनपद सीईओ के आदेश पर मिला था और उन्होंने ही ट्रेनिंग देने के नाम पर भुगतान भी किया। ऐसा ही मामला पिछले दिनों पहाड़ी कोरवा युवकों को ड्राइविंग ट्रेनिंग देने का आया था जिसमें हुई गड़बड़ी की जांच के नाम पर खानापूर्ति की गई। उसकी जांच के लिए कलेक्टर संजीव कुमार झा ने जिला रोजगार अधिकारी को लगाया था लेकिन उसके बाद जांच रिपोर्ट को अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया। बताया जा रहा है कि राजनैतिक संरक्षण के कारण कोई कार्यवाही नहीं होती। बताया जा रहा है कि ठीक उसी तरह की गड़बड़ी इस ट्रेनिंग में भी हुई।