बलरामपुर: वाड्रफनगर के अंतर्गत बाघ विचरण के संभावित वनपरिक्षेत्र रघुनाथनगर, वाड्रफनगर, बलरामपुर, रामानुजगंज एवं धमनी के मैदानी वन कर्मियों व हाथी क्रेकिंग दल के सदस्यों एवं वन प्रबंधन समिति के सदस्यों को काष्ठागार वाड्रफनगर में वन्यप्राणी विशेषज्ञ सदस्य डब्ल्यू डब्ल्यू.एफ.इंडिया उपेन्द्र दुबे के द्वारा विशेष रूप से बाघ के संबंध में विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में विशेषज्ञ श्री दुबे द्वारा उपस्थित कर्मचारियों को बाघ के स्वभाव, बाघ की पहचान तथा वन में विचरण का ट्रेकिंग द्वारा बाघ का मानिटरिंग कैसे किया जाना है, किन-किन चिजों का विशेष ध्यान देना है आदि विषय पर विस्तृत जानकारी प्रदान किया गया। इस दौरान श्री दुबे ने बाघ के विचरण क्षेत्रों में उसके संभावित मार्ग पर पदचिन्हों के पहचान स्थानीय वनक्षेत्रों में जाकर मौके पर पीआईपी बनाकर उसके विचरण के जानकारी एवं पदचिन्हों के पहचान दिशा के संबंध में किस प्रकार जानकारी एकत्र किया जा सकता है साथ ही अन्य विषयों के बारे में बताया गया। यदि कहीं किसी बाघ द्वारा किसी मवेशी का शिकार किया जाना पाया जाता है तब वहां पर एवं मार्ग में निर्मित पीआईपी के पास ट्रेप कैमरा कैसे लगाया जाये इस सबंध में भी प्रशिक्षण दिया गया। बाघ विचरण की जानकारी आस-पास के आबादी क्षेत्रों में मुनादी किया जाना तथा मवेशी क्षति की स्थिति में मुआवजा प्रकरण शीघ्र तैयार करने का निर्देश दिया गया। इस प्रशिक्षण में कर्मचारियों तथा ट्रेकिंग दल के सदस्यों ने श्री दुबे से अपने शंकाओं का सामाधान किया।  प्रशिक्षण में वनमण्डलाधिकारी बलरामुपर अशोक तिवारी, उप वनमण्डलाधिकारी वाड्रफनगर, वनपरिक्षेत्राधिकारी वाड्रफनगर उपस्थित रहे।

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