बलरामपुर: शासकीय पॉलीटेक्निक कालेज रामानुजगंज में जनजातीय गौरव स्मृति कार्यक्रम के अंतर्गत 05 अक्टूबर से 15 नवम्बर 2024 तक जनजाति गौरव से सम्बन्धित भाषण, ड्राइंग रंगोली, कविता, लोकनृत्य, लोकगीत तथा क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा हैं। इसी तारतम्य में गत दिवस संस्था में रानी दुर्गावती के 500वीं जयंती के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती तथा छत्तीसगढ़ महतारी और रानी दुर्गावती के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। तत्पश्चात छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना तथा राजकीय गीत का गायन किया गया। कार्यक्रम के संयोजक सुनील कुमार सिंह ने जनजातीय गौरव स्मृति कार्यक्रम के उद्देश्य पर व्यक्तव दिया। उन्होंने पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जनजातियों द्वारा किए गए विविध विद्रोह का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने तिलका मांझी, सिद्धू, कान्हु व फूलो झानो के मातृभूमि के स्वतंत्रता संघर्ष को बताया। साथ ही उन्होंने जनजातीय समुदायों द्वारा जनजाति रीति रिवाजों एवं मानवीयता और प्रकृति संतुलन संरक्षण को विस्तार से बताया। कार्यक्रम सह संयोजक श्री उमा शंकर यादव ने गोंडवाना रानी दुर्गावती के शौर्यगाथा को विस्तार से बताया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के पदमश्री विजेता वैद्यराज हेमचंद मांझी के आयुष चिकित्सा से मानव सेवा की जानकारी दी। विभिन्न राज्यों के जनजाति ज्ञान परंपरा से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के महत्व पर प्रकाश डाला। प्राचार्य डॉ. एस. पी. मिश्रा ने स्वतंत्रता के परिपेक्ष्य में जनजाति समाज के गौरव को सम्मान दिए जाने की बात कहीं। साथ ही अपने समाज के पुरखों द्वारा किए कार्यों के प्रति कृतज्ञ रह कर सतत संतुलित विकास के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहने को कहा जिससे की हमारे समाज, राज्य और देश का उत्तरोत्तर विकास हो सके। इस दौरान संस्था के छात्र-छात्राओं द्वारा जनजातिय लोक पर आधारित नृत्य, कविता, व अन्य विभिन्न कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। इस दौरान संस्था स्तर पर जनजातीय गौरव स्मृति कार्यक्रम हेतु गठित कार्यकारिणी के सभी व्याख्याता, कार्यालय सदस्य और छात्र सदस्य उपस्थित रहे। सभी के सक्रिय योगदान से कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।