नई दिल्ली: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, सी.आर. पाटिल ने आज छत्तीसगढ़ में चल रहे स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) 2024 अभियान के तहत राजनांदगांव जिले का दौरा किया। उनकी यात्रा का उद्देश्य स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (एसबीएम-जी) के तहत विभिन्न स्वच्छता और जल संरक्षण उपक्रमों की महत्वपूर्ण प्रगति और कार्यान्वयन को देखना था, ताकि ग्रामीण भारत में स्वच्छता प्रयासों को बनाए रखने के महत्व को सुदृढ़ किया जा सके।

‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ की थीम के साथ चल रहा स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) 2024 अभियान 17 सितंबर से 1 अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है। यह अभियान 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर संपन्न होगा, जो स्वच्छ भारत मिशन की 10वीं वर्षगांठ भी है।

अपने उद्घाटन भाषण में श्री पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में हम स्वच्छता यात्रा के एक नए अध्याय में प्रवेश कर रहे हैं। जैसे-जैसे हम 2 अक्टूबर के करीब आ रहे हैं, हम सभी को अपने गांवों और कस्बों में श्रमदान में भाग लेकर अपना योगदान देना चाहिए। 2 अक्टूबर को स्वच्छ भारत मिशन का 10 साल पूरा हो जाएगा। पिछले दशक में हमारे सामूहिक प्रयासों ने भारत के स्वच्छता परिदृश्य को बदल दिया है। देश के अन्य भागों की तरह ही छत्तीसगढ़ ने भी इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे अपना समर्पण जारी रखें, क्योंकि हम नई प्रतिबद्धता और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में प्रमुख एसएचएस 2024 गतिविधियां :

5, 631 स्वच्छता लक्ष्य इकाइयों (सीटीयू) की योजना बनाई गई है, जिसमें 2,071 परिवर्तित सीटीयू में 1.3 लाख स्वयंसेवक शामिल हैं।
10.48 लाख से अधिक प्रतिभागियों के साथ 29,951 स्वच्छता में भागीदारी कार्यक्रम स्थानीय स्वच्छता प्रणालियों के सामुदायिक स्वामित्व को बढ़ावा देते हैं।
स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से 32,000 से अधिक सफाई कर्मचारी लाभान्वित हुए। 2,332 सफाई मित्र सुरक्षा शिविरों के माध्यम से 26,000 सफाई कर्मचारियों को पीपीई किट प्रदान की गई।

छत्तीसगढ़ की स्वच्छता प्रगति :

67% गांव ओडीएफ प्लस मॉडल घोषित।
73 प्रतिशत गांवों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था है।
94% गांवों में तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली की व्यवस्था है।
छत्तीसगढ़ ने दिसंबर 2024 तक सभी गांवों को ओडीएफ प्लस घोषित करने के लक्ष्य के साथ 13,033 गांवों के लिए ओडीएफ प्लस मॉडल का दर्जा हासिल किया है।

अपनी यात्रा के दौरान श्री पाटिल ने स्थानीय समुदाय द्वारा बनाए गए नवीन अपशिष्ट से अत्याधुनिक प्रतिष्ठानों, स्वच्छता लक्ष्य इकाइयों (सीटीयू) के परिवर्तनकारी प्रभाव और ‘एक पेड़ मां के नाम’ पौधरोपण पहल का प्रत्यक्ष रूप से अवलोकन किया। इस दौरान जल संरक्षण के उद्देश्य से ‘मिशन जल रक्षा’ कार्यक्रम पर प्रकाश डाला गया। इसमें मंत्री ने बरगा गांव में रिसाव टैंक स्थल का निरीक्षण किया, जिसमें जल संसाधनों को संरक्षित करने और उसे फिर से भरने के स्थानीय प्रयासों को प्रदर्शित किया गया है।

राजनांदगांव और डोंगरगांव ब्लॉकों को ओडीएफ प्लस मॉडल ब्लॉक के रूप में घोषित करना एक उल्लेखनीय उपलब्धि थी, जो संपूर्ण स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन के लिए जिले की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

केंद्रीय मंत्री ने बघारा में मल कीचड़ उपचार संयंत्र (एफएसटीपी) का भी उद्घाटन किया, जो टिकाऊ अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने अमलीडीह गांव में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई (पीडब्लूएमयू) का भी दौरा किया। यहां उन्होंने स्थानीय स्वच्छता प्रयासों का नेतृत्व करने वाले स्वच्छता कार्यकर्ताओं, स्वच्छता दीदियों के साथ बातचीत भी की।

केंद्रीय मंत्री की यह यात्रा संपूर्ण स्वच्छ भारत के दृष्टिकोण को स्थायी वास्तविकता बनाने के लिए सरकार के निरंतर संकल्प को दर्शाती है। स्वच्छता ही सेवा 2024 अभियान एक स्वच्छ और चिरस्थायी भारत की दिशा में अपने मिशन में समाज को एकजुट करना जारी रखता है।

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