नई दिल्ली। उत्तर भारत में मानसून ने दस्तक दे दी है। गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में वर्षा हुई। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अधिकतर जिलों में मानसून पहुंच गया है।
मौसम विभाग का कहना है कि जल्द ही अन्य जिलों में भी मानसून पहुंच जाएगा। गुरुवार को हुई तेज वर्षा के चलते तापमान में भी गिरावट आई, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है। पंजाब में पांच तो हिमाचल प्रदेश में नौ डिग्री सेल्सियस तक तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।
उत्तराखंड में हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर को छोड़कर गुरुवार को मानसून ने सभी जिलों को कवर कर लिया। मौसम विभाग ने मानसून आगमन की पुष्टि करते हुए अगले कुछ दिन प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। आगामी तीन जुलाई तक पहाड़ से मैदान तक हल्की से मध्यम वर्षा का क्रम बना रह सकता है। वहीं, हिमाचल में भारी वर्षा के साथ सात जिलों में मानसून पहुंच गया है। दो दिन में पूरे प्रदेश में मानसून प्रवेश कर जाएगा।
मौसम विभाग के अनुसार 28 जून से पहली जुलाई तक प्रदेश के अधिकतर स्थानों पर व्यापक वर्षा होने की संभावना है। पहली जुलाई तक भारी वर्षा को लेकर एडवाइजरी जारी की है, जिसमें सड़कों पर पानी भरने, दृश्यता प्रभावित होने व यात्रा से बचने की सलाह दी है। आवश्यक सेवाओं के प्रभावित होने का अनुमान है। वर्षा होने से अधिकतम तापमान में दो से करीब नौ डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है।
मानसून गुरुवार को पंजाब पहुंच गया। राज्य के अधिकांश जिलों में वर्षा तेज वर्षा हुई, जिससे गर्मी से राहत मिली। मौसम विभाग चंडीगढ़ के अनुसार, मौसम विभाग ने राज्य में एक जुलाई तक तेज वर्षा को लेकर येलो अलर्ट भी जारी किया है। उधर, वर्षा के कारण अधिकतम तापमान में 4.9 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। हरियाणा में भी कई जिलों में वर्षा हुई है।
उत्तराखंड में एक मार्च से 31 मई तक ग्रीष्मकाल में सामान्य से 20 प्रतिशत कम वर्षा हुई। इसके बाद एक जून से मानसून सीजन की शुरुआत में भी प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्र सूखे रहे। हालांकि, जून के तीसरे सप्ताह में पर्वतीय क्षेत्रों में प्री-मानसून शावर तेज हो गए।
कई क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ तीव्र बौछार और तेज हवा चलने का दौर जारी रहा। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में मानसून पहुंच चुका है, जो कि सामान्य के करीब ही माना जाएगा। प्रदेश में इस बार मानसून में सामान्य से करीब 10 प्रतिशत अधिक वर्षा का अनुमान है।