टमाटर, गोभी, मटर और ब्रोकली की भी कर रही उपज
जेएसएलपीएस ने मुहैया कराया टपक खेती के उपकरण
चक्रधरपुर। चक्रधरपुर अनुमंडल गोपीनाथपुर पंचायत के गोपीनाथपुर गांव की महिला किसान टपक खेती के जरिए प्रति दिन सैकड़ों रुपए अर्जित कर आत्मनिर्भर बन रहीं हैं। गोपीनाथपुर सुदुरर्ती गांव में आधा दर्जन ज्यादा महिलाएं टपक खेती कर दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बन रहीं है। गांव की महिला किसान संयुक्ता महतो पति अभिमन्यु महतो ने सबसे पहले अपने बगीचे के चंद हिस्से में साग, सब्जी की उपज कर परिवार के हरी सब्जियों की जरुरत को पूरा कर रही थी। गांव की एसएचजी ग्रूप से जुड़ी अन्य महिला सादेश्वरी, आईनेश्वरी महतो, भुवनेश्वरी देवी, विनिता देवी, बसंती देवी नामसी और बहु अनिता महतो भी खेती करने के कार्य में जूट गई। इन महिलाओं ने खेती के दायरे को विस्तार करने की इच्छा जताने पर जेएसएलपीएस ने इन महिलाओं को टपक खेती के लिए उपकरण मुहैया कराया जिससे ये महिलाएं टपक खेती से रोजाना हजारों रुपए अर्जित कर रही हैं। इन महिलओं ने जेएसएलपीएस के फिल्ड थिमेटिक कोर्डिनेर(एफटीसी) सुनंदा पंडा के संपर्क में आकर 2019 जेएसएलपीएस का सहयोग लिया। कंपनी ने महिलाओं को ड्रीप मशीन, पोली नर्सरी हाउस, कीट रहित सब्जी उत्पादन ईकाई, केंचुआ खाद यूनिट सहित अन्य अनुसंगिक उपकरण मुहैया कराई। दूसरी ओर महिला किसानों को उद्यान विभाग ने पौधा मुहैया कराया। वर्तमान इन महिलाओं ने अलग अलग ड्रीप इरीगेशन के माध्यम के सब्जियों की खेती कर रही है।
संयुक्ता महतो ने 20 डिसमिल भूमि में फैलाया स्ट्रोबेरी की खेती
गोपीनाथपुर के महिला किसान संयुक्ता महतो ने 20 डिसमिल भूमि में टपक खेती के माध्यम से स्ट्रोबेरी की खेती करती है। वहीं साढ़े 12 डिसमिल भूमि में टमाटर ओर मिर्च की खेती कर प्रतिदिन लगभग 2 हजार रुपया अर्जित करती है। इसमें उनकी बहु अनिता महतो भी सहयोग करती है। संयुक्ता महतो ने कहा कि पिछले साल यानि 2024 में वह केवल स्ट्रोबेरी में ही 1 लाख रुपए से अधिक राशि की कमाई की थी। वर्तमान स्ट्रोबेरी का उत्पादन हो रहा है। इन महिला किसानों ने बैगन, मूली, साग, ब्रोकली, बंधागोभी, टमाटर, मटर, फूलगोभी इत्यादि की खेती कर प्रतिदिन हजारों रुपयों की कमाई कर रही है। इस अवसर पर अनिता महतो ने कहा के जेएसएलपीएस के सहयोग से विभिन्न प्रकार की। हरी सब्जियों की खेती कर रहे है। खेती से हमे अच्छी खासी कमाई हो जाती है। किसी के आगे पैसे के लिए हाथ फैलाने की नौबत नहीं आती है। दूसरी ओर कंपनी के एफटीसी सुनंदा पंडा ने कहा कि हम किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों की हर प्रकार की मदद दी जा रही है। इस समय चक्रधरपुर प्रखंड में सात सौ महिला किसान है इसमें 280 सक्रिय किसानों को कम्पनी सहायता कर रही है।