बलरामपुर।बलरामपुर जिले के डवरा पुलिस चौकी अंतर्गत डूमरखोला गांव में पुरानी परंपराओं का निर्वहन करते हुए अच्छी बारिश के लिए ग्रामीणों ने मेंढक और मेढकी की सोमवार को बारात निकाली।
यह डूमरखोला से शुरू होकर डवरा समलाई मंदिर के पास पहुंची, जहां परंपरा के अनुसार दोनों की शादी डीजे साउंड, ढोल नगाड़े और वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ कराई गई। बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं ने द्वार पूजा से लेकर विवाह तक के गीत गाए।
हजारों महिला और पुरुषों की उपस्थिति में इस पुरानी परंपरा का निर्वहन किया गया। डवरा चौकी प्रभारी राजकुमार कश्यप ने बताया कि माना जाता है कि मेंढक-मेंढकी की इस शादी का मौसम कनेक्शन है।
मानसून के दौरान मेंढक बाहर निकलता है और टर्राकर मेंढकी को आकर्षित करता है। मेंढक-मेंढकी की शादी एक प्रतीक के तौर पर कराई जाती है जिससे वो दोनों मिलन के लिए तैयार हो जाएं और बारिश आ जाए। कुल मिलाकर लोगों इंद्रदेव को खुश करने के लिए ये शादी करवाई जाती है।
मेंढक और मेंढकी की शादी समारोह में डूमरखोला, डवरा, मुखा, कोटसरी, कोदौरा, सेमराकठरा, करमडीहा गांव के हजारों महिला और पुरूष उपस्थित हुए थे।