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रायपुर। बस्तर दशहरा में शामिल होने के लिए जगदलपुर के तीन दिवसीय प्रवास पर पहुंची राज्यपाल अनुसुईया उइके ने रविवार को ने चित्रकोट विश्राम भवन में लोहण्डीगुड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों व समूह की महिलाओं से भेंट की। इस दौरान क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ग्रामीणों एवं स्व सहायता समूह की महिलाओं ने अपनी मांगों के संबंध में राज्यपाल को आवेदन भी प्रस्तुत किया।

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने भी राज्यपाल के समक्ष अपनी मांगों एवं समस्याएं रखी। राज्यपाल सुश्री उइके ने सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों एवं उपस्थित ग्रामीणों और समिति के सदस्यों को उनके मांगों एवं समस्याओं के निराकरण सुनिश्चित करने हेतु त्वरित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। उन्होंने आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों को देवगुड़ी बनाने और देव स्थलों में मूर्तियों को संरक्षित करने कहा। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा पुजारियों को मानदेय दिया जा रहा है, उन्होंने इसका बेहतर उपयोग करने की समझाईश भी दी।राज्यपाल उइके ने उपस्थित सामाजिक प्रतिनिधियों से आदिवासी संस्कृति को सुरक्षित एवं संरक्षित करने की अपील भी की। नगर पंचायत बस्तर के बुधराम बघेल, रामचन्द्र बघेल, रिकेश कश्यप व रामप्रसाद मौर्य ने भी भेंटकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया। राज्यपाल उइके ने आदिवासी समाज को संगठित बनाए रखने के लिए आव्हान किया। राज्यपाल ने ग्रामीणों की मांग पर मौके पर उपस्थित राजस्व अधिकारियों को राजस्व संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए मिसल रिकार्ड का मिलान कर इसका शीघ्र निराकरण कर निर्देशित किया।इस दौरान सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग बस्तर के अध्यक्ष एवं उनके साथियों द्वारा बस्तर जिले में बेरोजगार आदिवासी युवक-युवतियों को स्वरोजगार से जोड़ने हेतु बैंक से ऋण स्वीकृत कराए जाने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया। राष्ट्र सेविका समिति और एकल विद्यालय की महिला समिति ने अपनी समस्याओं से अवगत कराया।इस अवसर पर राज्यपाल ने उपस्थित सदस्यों को उनकी मांगों एवं समस्याओं के शीघ्र निराकरण करने का भरोसा दिलाया। इस दौरान सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधि, ग्रामीणजन उपस्थित थे।

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