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बलरामपुर।बलरामपुर जिले में महात्मागांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत बेरोजगारों को रोजगार मिले न मिले लेकिन इसमें काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को कमीशन के तौर पर मोटी रकम जरूर मिल रही है। कमीशन देने वाले जनप्रतिनिधि सोमनाथ भगत ने इसका खुलासा रायपुर जाकर मुख्यमंत्री, मनरेगा के आयुक्त व सरगुजा संभाग के आयुक्त से शिकायत की है। जिला पंचायत कार्यालय में मनरेगा विभाग में पदस्थ एपीओ अनिल गुप्ता पर करोड़ों रुपए का कमीशन जनप्रतिनिधियों से लिए जाने का आरोप लगाकर इसकी जांच कराते हुए दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की हैं।
सीजीएमपी के पास प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार मनरेगा आयुक्त मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने बलरामपुर कलेक्टर को जनप्रतिनिधियों से प्राप्त शिकायत की प्रति संलग्न कर 7 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश 21 जनवरी को जारी किए हैं। उन्होंने शिकायत की प्रति को संलग्न कर बारिकी से रिपोर्ट देने के लिए कहा है।जनप्रतिनिधियों के द्वारा पहले भी कमीशन लेने की शिकायत की जा चुकी है। हालांकि पूर्व के शिकायतों को कार्यालय के द्वारा गंभीरता से नहीं लेने की बात भी कही गई है। शिकायत को ठंडे बस्ते में डाल कर भूला दिया गया है। इस बार शिकायत की जांच होती है या नहीं यह भी जनप्रतिनिधियों के लिए संशय का विषय बना हुआ है। इसलिए उन्होंने आयुक्त से की गई शिकायत में इस बात का उल्लेख कर दिया है कि अगर इस बार भी कार्रवाई नहीं हुई तो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से मामले की शिकायत की जाएगी।
एपीओ पर लगा आरोप पढ़िए ?
आयुक्त कार्यालय से जारी दस्तावेजों के अनुसार बलरामपुर जिले के अलग- अलग विकासखंडों के ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधियों से सामूहिक रूप से आयुक्तको शिकायत करते हुए बताया कि एपीओ अनिल गुप्ता मनरेगा से होने वाले हर काम को पास कराने के नाम पर 10 से 15 प्रतिशत कमीशन मांगता है। एपीओ गुप्ता ने वर्ष 2020-21 में जिले में हुए दो हज़ार कुओं के निर्माण की स्वीकृति दिलाने के लिए प्रति कुआं 15-15 हजार रुपए के अनुमान से 3 करोड़ रुपए की वसूली की है। इसके साथ ही कई कार्यों के लिए करोड़ों रुपए की वसूली की है। जनप्रतिनिधियों का यह भी आरोप है कि कमीशन की रकम से अनिल गुप्ता ने अकूत संपत्ति बनाई है लाखों की जमीन खरीदकर करोड़ों रुपए के मकान का निर्माण कराया गया है। 40 हजार रुपए की तनख्वाह में 20 लाख रुपए की कार भी एपीओ गुप्ता ने खरीदा है। इन तमाम शिकायतों की जांच के लिए आयुक्तने कलेक्टर को आदेशित किया है। जनप्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि अगर एपीओ अनिल गुप्ता के विरुद्ध कार्यवाही नहीं होती है तो जनप्रतिनिधियों के द्वारा धरना प्रदर्शन करेंगे जिसके जिम्मेदार खुद प्रशासन होगी।