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कोरोना वायरस के इस नए स्ट्रेन को ‘वैरिएंट IHU’ या B.1.640.2 नाम दिया गया है. पिछले महीने ही फ्रांस में इसका पहला मामला सामने आया था. लेकिन ग्लोबल एक्सपर्ट का ध्यान आकर्षित करने के बाद यह पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोर रहा है
दिल्ली,एजेंसी।डेल्टा और ओमिक्रॉन का खतरा अभी सिर से टला नहीं कि कोरोना के एक नए वैरिएंट ने दस्तक दे दी है. फ्रांस में कोविड-19 का नया वैरिएंट सामने आया है जिसे लेकर मेडिकल जगत को फिर से अलर्ट कर दिया गया है. इस नए स्ट्रेन को ‘वैरिएंट IHU’ या B.1.640.2 नाम दिया गया है. पिछले महीने ही फ्रांस में इसका पहला मामला सामने आया था. लेकिन ग्लोबल एक्सपर्ट का ध्यान आकर्षित करने के बाद यह पूरी दुनिया में फिर से सुर्खियां बटोर रहा है. नए वैरिएंट में रेस्पिरेटरी यानी सांस की दिक्कतों से जुड़े हल्के लक्षण देखे गए हैं. हालांकि, ओमिक्रॉन के संक्रमण में हल्का बुखार, थकान और गले में खराश जैसे लक्षण ज्यादा देखे जा रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांस के मार्सेल शहर में नए वैरिएंट के 12 मामले डिटेक्ट किए गए हैं और ऐसा बताया जा रहा है कि इनमें से कई रोगी संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती थे. इस नए वैरिएंट को अफ्रीकी देश कैमरून से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें करीब 46 म्यूटेशन हो सकते हैं. एक्सपर्ट को डर है कि नए वैरिएंट में मौजूदा वैक्सीन के प्रभाव को बेअसर करने की क्षमता हो सकती है.
ओमिक्रॉन की तरह तेजी से नही फैल रहा IHU
हालांकि, एक राहत की बात ये भी है कि नया IHU वैरिएंट बहुत तेजी से लोगों के बीच नहीं फैल रहा है. नए वैरिएंट की खोज ‘दि मेडिटेरेनी इंफेक्शन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल इंस्टिट्यूट (IHU) के शोधकर्ताओं ने की है, लेकिन ये अभी तक WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) की जांच के दायरे में नहीं आया है. इस बात के भी ठोस सबूत नहीं हैं कि नया वैरिएंट फ्रांस की सीमा के बाहर फैल चुका है. हालांकि, कुछ गैर आधिकारिक दावों के मुताबिक, यह वैरिएंट पहले ही यूके की सीमा में दाखिल हो चुका है.IHU में वैरिएंट की खोज करने वाले डिपार्टमेंट के प्रमुख प्रोफेसर फिलिप कोलसन ने पिछले महीने एक पेपर में ऑनलाइन पोस्ट पर इस स्ट्रेन के बारे में जानकारी दी थी. हालांकि इसे अभी तक किसी मेडिकल जर्नल में प्रकाशित नहीं किया गया है. उन्होंने लिखा, ‘हमने मार्सेल के जियोग्राफिक एरिया में नए वैरिएंट के कई मामले देखे हैं. हमने इसे ”वैरिएंट IHU” नाम दिया है. अभी दो नए जीनोम जमा किए गए हैं.’
बेहद अलग तरह का म्यूटेशन, सांस से जुड़े लक्षण दिखे
पेपर में साझा की गई जानकारी के मुताबिक, संक्रमित हुए लोग पूरी तरह से वैक्सीनेटेड थे. ये सभी लोग पॉजिटिव होने से तीन दिन पहले ही नवंबर में कैमरून से फ्रांस लौटे थे. रिपोर्ट आने से एक दिन पहले इन्होंने सांस से जुड़े हल्के लक्षण महसूस किए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, वैरिएंट के स्पाइक जीन में तीन म्यूटेशन का बेहद असामान्य कॉम्बिनेशन देखा गया है जो डेल्टा वैरिएंट के पैटर्न से मेल नहीं खाता है. हालांकि सिर्फ 12 मामलों के आधार पर फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.यूएस एपिडेमायोलॉजिस्ट और हेल्थ इकोनॉमिस्ट एरिक फिगल डिंग ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है. ट्वीट की एक सीरीज में उन्होंने बताया कि कोरोना के नए वैरिएंट्स लगातार सामने आ रहे हैं. लेकिन ऐसा जरूरी नहीं कि सभी वैरिएंट खतरनाक होंगे. एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘म्यूटेशन की संख्या के कारण मल्टीपल होने की क्षमता किसी वायरस को खतरनाक बनाती है.’ऐसी स्थिति में कोई स्ट्रेन ओमिक्रॉन की तरह ‘वैरिएंट ऑफ कन्सर्न’ बन जाता है, जो कि संक्रामक होने के साथ-साथ आसानी से इम्यूनिटी को चकमा दे सकता है. इसलिए अभी ये देखना बाकी है कि नया वैरिएंट किस कैटेगरी में आता है. हालांकि उन्होंने एक डेटा की तरफ इशारा करते हुए कहा कि फ्रांस के उन हिस्सों में आईसीयू में भर्ती होने वालों की दर बहुत ज्यादा है जहां कई तरह के वैरिएंट पाए जा रहे हैं.