नई दिल्ली,एएनआइ। ओमिक्रोन वैरिएंट के कारण देश में दिन पर दिन कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीच मेदांता की स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने चेताया है कि इसे हल्के में नहींं लेना चाहिए। अगले दो हफ्ते में हालात बिगड़ेंगे। मेदांता अस्पताल की वरिष्ठ निदेशक डा. सुशीला कटारिया ने शुक्रवार को कहा कि अगले दो हफ्तों में स्थिति खराब हो जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना वायरस बीमारी की तीसरी लहर पहले ही आ चुकी है और यह केवल एक फ्लू नहीं है जो गुजर जाएगा। समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए, डा कटारिया ने कहा कि इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता क्योंकि अगले दो हफ्तों में स्थिति खराब होगी। फ्लू नहीं है जो गुजर जाएगा। हम 4 जनवरी से देख रहे हैं कि देश में तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है। पिछले तीन दिनों में मामलों की संख्या लगभग पांच गुना बढ़ गई है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि कोरोना के मामले ओमिक्रोन के कारण बढ़ रहे हैं, जो पूरे विश्व में फैल रहा है। डा कटारिया ने कहा कि एक और तथ्य यह है कि यह डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले यह स्ट्रेन कम गंभीर है, लेकिन इसे पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता। हर 10वें व्यक्ति को दूसरी लहर के दौरान अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 50वें या 100वें व्यक्ति की डेल्टा वैरिएंट की वजह से मौत हो रही थी। इसकी तुलना में अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या महज 50 फीसदी कम है। ये संख्या स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए काफी चिंताजनक है। डा कटारिया ने यह भी कहा कि लोग ओमिक्रोन वैरिएंट के कारण मर रहे हैं, इसलिए अभी और अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘यह हमारे लिए एक हल्का वायरस हो सकता है, लेकिन हम इस बात से संतुष्ट नहीं हो सकते कि इससे कुछ भी नहीं होगा। मैं आपको बता दूं कि दुनिया भर में लोगों की मौत ओमिक्रोन के कारण हुई है। तो, यह सिर्फ एक टीका नहीं है या सिर्फ एक फ्लू नहीं है, जो ऐसे ही चला जाएगा। हर समय सावधान रहना होगा।’ओमिक्रोन वैरिएंट की टेस्टिंग पर डा कटारिया ने कहा, ‘कोरोना संक्रमण का पता केवल आरटी पीसीआर या एंटीजन या रैपिड टेस्टिंग के माध्यम से होता है। इसलिए आज के समय में अगर किसी को ऊपरी श्वसन तंत्र में संक्रमण या दस्त या सिर्फ शरीर में दर्द होता है, तो इसे कोरोना से संबंधिच माना जाना चाहिए है। ऐसे लोगों को खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए और टेस्ट कराना चाहिए।