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यमुनानगर। यमुनानगर शहर के सिटी सेंटर पार्क के पास कबाड़ गोदाम में भीषण आग लग गई। आग की लपटें पहली मंजिल पर बने कमरों तक पहुंच गईं। इसमें एक परिवार के 4 लोगों की मौके पर मौत हो गई। एक महिला गंभीर रूप से झुलस गई। लोगों की चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग भी उठ गए। उन्होंने दमकल विभाग को सूचना दी। दमकल विभाग की कई गाड़ियों ने कई घंटों के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक चार लोगों की मौत हो चुकी थी।कबाड़ गोदाम के ऊपर बने कमरों में रह रहे श्रमिकों के परिवार आग की लपटों में घिर गए। कुछ ही पल में एक परिवार इसकी चपेट में आ गया। चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग भी बाहर आ गए। इसकी सूचना दमकल को देने के साथ-साथ बचाव का प्रयास किया गया। कुछ परिवारों को बाहर निकाल लिया गया। वहीं दमकल ने आग को बुझाना शुरू किया।
एक ही परिवार के थे चारों
सिटी सेंटर रोड पर कबाड़ी के गोदाम के ऊपर बने क्वार्टरों में बुधवार की रात करीब दो बजे आग लग गई। जिसमें एक परिवार से 37 वर्षीय नियामुद्दीन, उसकी 12 वर्षीय बेटी फिजा, बेटा आठ वर्षीय चांद, तीन वर्षीय रेहान की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि उसकी पत्नी 25 वर्षीय नसीमा बुरी तरह से झुलस गई। उसे सिविल अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
दीवार तोड़कर अन्य लोगों को बचाया गया
आग लगने का पता लगते ही शहर यमुनानगर थाना पुलिस व दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंची। अन्य क्वार्टरों में रह रहे लोगों को दीवार तोड़कर व छतों के रास्ते निकाला। फिलहाल आग बुझाने में दमकल विभाग की गाड़ियां लगी है।
गोदाम के ऊपर बने लेबर क्वार्टर
सिटी सेंटर रोड निवासी नवीन का कबाड़ी का गोदाम है। करीब 40 साल से यह गोदाम बना हुआ है। इस गोदाम के ऊपर ही उन्होंने लेबर के लिए क्वार्टर बनाए हुए हैं। 22 क्वार्टर गोदाम की छत पर बने हैं। जिनमें अलग-अलग जगह से आए लेबर अपने परिवार के साथ रहते हैं। यहीं पर मूल रूप से बिहार के जिला मधुबन के गांव मिल्कमादीपुर निवासी नियामुद्दीन पत्नी सलमा व तीन बच्चों के साथ रहता था। उसके ही क्वार्टर में यह आग लग गई। जब आसपास क्वार्टरों के रह रहे लोग जागते और बचाने की कोशिश करते। तब तक नियामुद्दीन व उसके तीनों बच्चे पूरी तरह से झुलस चुके थे।
आग लगने के कारणों की हो रही जांच
अभी आग लगने के कारणों का कोई पता नहीं लग सका है, लेकिन प्राथमिक जांच में शार्ट सर्किट की वजह से आग लगना माना जा रहा है। जिला दमकल अधिकारी प्रमोद दुग्गल का कहना है कि कबाड़ी का गोदाम है। इसमें कई बार ज्वलनशील पदार्थ भी होते हैं। ऐसे में जांच के बाद ही सही पता लग सकेगा कि आग कैसे लगी है। फिलहाल गाड़ियां आग बुझाने में लगी हुई है। अभी तक आठ गाड़ियां आ चुकी है।
17 लोगों को बाहर निकाला
जिस समय आग लगी। चीख पुकार मच गई। आसपास के लोग भी घरों से बाहर से आ गए। पुलिस व दमकल विभाग ने गोदाम की छत पर बने अन्य क्वार्टरों से लोगों को निकालना शुरू किया। इस दौरान दो जगहों से दीवार को तोड़ा गया, क्योंकि आग फैलकर नीचे गोदाम तक पहुंच चुकी थी। ऐसे में दीवार को तोड़कर 17 और लोगों को बाहर निकाला गया। जिन लोगों काे बाहर निकाला गया। उनमें से रतनेश, श्याम बिहारी, शिवम, पन्नालाल, सुनीता, सूरज, मनोज, रिया, सुरेंद्र, इंद्र, विशाल, चंदन, खुशबू, आदित्य को बाहर निकाला गया।
शवों को रखवाया गया पोस्टमार्टम हाउस में
मौके पर पहुंचे शहर यमुनानगर थाना से एसआइ दल सिंह ने बताया कि चार शवों को पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया गया है। महिला नसीमा की हालत गंभीर है। उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया है। अागे मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही पता लगेगा कि आग कैसे लगी है।
मेयर मदन चौहान भी पहुंचे घटनास्थल पर
आग लगने की सूचना मिलते ही मेयर मदन चौहान व पार्षद प्रिंस डग्गा भी घटनास्थल पर पहुंचे। मेयर ने आसपास के लोगों से बात की और घटना के बारे में जाना।
शार्ट सर्किट बताया जा रहा है आग का कारण
दमकल विभाग के अधिकारी और पुलिस अभी भी मामले की जांच में जुटी हुई है। प्राथमिक जांच में दमकल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आग शार्ट सर्किट से लगी होगी। कबाड़ी की दुकान में भारी मात्रा में सामान भरा हुआ था। जिसमें टायर व प्लास्टिक का सामान था। इस कारण आग ने भीषण रूप ले लिया। आग की लपटों से दीवार भी सरक गई चार लोगों के साथ एक गाय भी आग की चपेट में आ गई।
हर तरफ धुआं नजर आ रहा था
जिस समय आग लगी चारों तरफ धुंआ ही धुआं था। कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। शहर थाना प्रभारी सुखबीर सिंह का कहना है आग पर काबू पा लिया गया है। ऊपरी मंजिल पर रह रहे परिवार के 4 लोगों के शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए।