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बलरामपुर। बलरामपुर जिलें की भौगोलिक स्थिति व संरचनाओं के कारण वनांचलों में रहने वाले तथा विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के लिए मूलभूत जरूरतें बड़ी चुनौती बनती है। विकासखण्ड वाड्रफनगर के ग्राम पंचायत पण्डरी के आश्रित पहाड़डीह गांव के पण्डो सहित अन्य जनजातीय परिवारों को राशन प्राप्त करने के लिए 3 किमी. पहाड़ी रास्ता तय करना पड़ता था, वहीं पक्की सड़क से राशन दुकान लगभग 10 किमी. दूर है। मूलभूत जरूरतों में से एक अनाज के लिए जद्दोजहद इन परिवारों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बना था। कलेक्टर कुंदन कुमार के पहल पर प्रशासन वनांचलों में रहने वाले तथा विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के अनेक मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के तात्कालिक और दीर्घकालिक व्यवस्था हेतु प्रयासरत् है। प्रशासन ने एक ओर जहां स्वच्छता, पेयजल और स्वास्थ्य सुविधाओं की सुलभ उपलब्धता के लिए अपने प्रयासों को विस्तार दिया है, वहीं खाद्य विभाग ने इन दुर्गम इलाकों में राशन पहुंचाने के लिए भी विशेष पहल की है। विकासखंड वाड्रफनगर के पहाड़डीह इलाके के पण्डो परिवारों को राशन प्राप्त करने में हो रही दिक्कतों को दूर करने के लिए तात्कालिक व्यवस्था के रूप में घर पहुंच राशन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। राशन दुकान की दूरी काफी अधिक होने के कारण पहाड़डीह के लोग नियमित व समय पर राशन लेने नहीं जा पाते थे। कलेक्टर कुंदन कुमार को सूचना मिलते ही उन्होंने खाद्य अधिकारी को तात्कालिक व्यवस्था हेतु निर्देशित करते हुए समस्या के दीर्घकालिक निराकरण पर भी जानकारी मांगी है। खाद्य विभाग द्वारा ट्रैक्टर के माध्यम से पहाड़डीह के लोगों को राशन पहुंचाने की व्यवस्था शुरू की गई है, जिला खाद्य अधिकारी शिवेन्द्र काम्टे ने बताया कि वनांचलों में भौगोलिक संरचना एक बहुत बड़ी बाधा बनती है, किंतु जहां भी ऐसी समस्या आ रही है हम उसे दूर करने के लिए प्रयासरत हैं। इसी क्रम में हमने विकासखण्ड वाड्रफनगर के ग्राम पंचायत पंडरी के आश्रित ग्राम पहाड़डीह के 82 पण्डो राशन कार्डधारियों को राशन प्राप्ति में आ रही समस्याओं को देखते हुए घर पहुंच राशन सुविधा उपलब्ध कराई है। उन्होंने कहा कि इस समस्या के निराकरण के दीर्घकालिक उपायों पर भी कार्य किया जा रहा है।