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छत्तीसगढ़,एजेंसी।कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान की गोद में बसे ग्राम मांझीपाल के दो बच्चे वंशिका पाणिकर (10) और छोटा भाई युवराज (7) को कांगेर घाटी में विचरण करने वाले साठ प्रजाति के पक्षियों और चालीस प्रकार की तितलियों की अच्छी जानकारी है। वे आवाजें सुन पहचान जाते हैं कि कौन सा पक्षी है और उनकी तस्वीरें बना देते हैं।यह अदभुत कार्य दोनों मात्र दो साल में सीखें हैं।
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फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले यह दोनों बच्चे आठवीं उत्तीर्ण आदिवासी मां उर्मिला नाग की संतानें हैं। इनके पिता रजनीश पाणिकर गाइड हैं और मांजीपाल में प्रदेश के पहले होम स्टे का संचालन करते हैं। बच्चे पक्षी विशेषज्ञ द्वय रवि नायडू तथा अमित मंडावी को अपना गुरू मानते हैं युवराज तीसरी कक्षा का छात्र है । उसका सबसे पसंदीदा पक्षी स्कारलेट मिनिवेट है जो हमेशा जोड़े में रहता है। मादा पीली और काले रंग की तो नर लाल और काले रंग का होता है। वंशिकाको राजकीय पक्षी मैना से बहुत प्यार है । जिसे देखने का मौका जंगल में उसे एक बार ही मिला है ।
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दोनों प्रदेश की सबसे बड़ी तितली ब्ल्यू मोरमन को कांगेर घाटी में इन्हीं भाई बहन ने खोजा है ।दोनों फिहाल पक्षियों को सूचीबद्ध करते हुए कांगेर घाटी की दुर्लभ तितली एम फ्लाई पर जानकारी जुटा रहे हैं। युवराज खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने का इच्छुक है वंशिका आईएएस बनने चाहती है।