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भोपाल। मध्य प्रदेश में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने भी हिन्दुत्व की राह पर आगे बढ़ने की रणनीति पर अमल करने का संकेत दिया है. मध्य प्रदेश कांग्रस ने अप्रैल में रामनवमी और हनुमान जयंती पर पार्टी नेताओं, विधायक-सांसद और आम कार्यकर्ताओं को रामलीला, सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा का पाठ जैसे कार्यक्रम करने के निर्देश दिए हैं, ताकि जनता में अपनी पैठ मजबूत कर छवि बेहतर बनाई जा सके। वहीं बीजेपी ने इसे कांग्रेस का पाखंड करार दिया है। पार्टी ने कहा कि यही कांग्रेसी नेता भगवान राम और रामसेतु को काल्पनिक बता रहे थे। मध्य प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष और संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने 2 अप्रैल को जिला, शहर, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षों, विधायकों, लोकसभा और विधानसभा प्रत्याशियों, जिला प्रभारियों और अन्य पदाधिकारियों के नाम पत्र जारी किया है।
10 अप्रैल और 16 अप्रैल को बड़े आय़ोजन
पत्र के अनुसार, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने 10 अप्रैल को रामनवमी और 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन का निर्देश दिया है। इसमें कहा गया है कि रामनवमी के अवसर पर भगवान राम कथा वाचन, रामलीला और भगवान राम की पूजा अर्चना के साथ हनुमान जयंती पर सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए। कमलनाथ खुद रामनवमी पर शुभकामना संदेश जारी करेंगे। साथ ही हनुमान जयंती पर अपने गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा में विशेष पूजा अर्चना करेंगे। मध्य प्रदेश कांग्रेस महासचिव और मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने पूछे जाने पर कहा कि यह पहली बार नहीं है। मिश्रा ने कहा, कमलनाथ भगवान हनुमान के भक्त हैं और पिछले कई सालों से छिंदवाड़ा में ऐसे आयोजन कर रहे हैं ।कांग्रेस नेताओं ने पिछले साल भी ऐसे ही आयोजन किए थे। बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि इस पत्र से कांग्रेस के पाखंड का पर्दाफाश हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया, कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति करती है और इन्हीं कांग्रेस नेताओं ने भगवान राम और रामसेतु को काल्पनिक बताया था। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध भी किया था। कांग्रेस के एक नेता ने हिंदुओं की तुलना आईएसआईएस और बोको हराम जैसे आतंकी संगठनों से की थी. जनता कांग्रेस नेताओं के पाखंड को जानती है और उन्हें गुमराह नहीं किया जा सकता है।