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भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के सोमवार से प्रारंभ हुए बजट सत्र में पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार किया. कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे जीतू ने किसानों, बेरोजगार युवाओं, महिलाओं और छात्रों के पक्ष में एकजुटता दिखाते हुए अभिभाषण का बहिष्कार किया. जीतू ने कहा, ‘जनहित और प्रदेशहित में मैं राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार कर रहा हूं क्योंकि, चिर निंद्रा में सोई भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार को जगाना जरूरी है.’ हालांकि उनका यह फैसला राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता कमलनाथ को रास नहीं आया. उन्होंने जीतू की ओर से राज्यपाल के अभिभाषण के बहिष्कार की निंदा की. कमलनाथ ने कहा कि यह पार्टी का फैसला नहीं था. संसीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा की ओर से इस मसले पर कमलनाथ से स्पष्टीकरण मांगा गया था. मिश्रा का कहना था कि विपक्ष को सदन के पटल पर अपना रुख साफ करना चाहिए.मध्य प्रदेश का बजट सत्र आज राज्यपाल मंगू भाई पटेल के पारंपरिक संबोधन के साथ शुरू हुआ और 25 मार्च तक इसकी 13 बैठकें होंगी. राज्य का 2022-23 का बजट बुधवार को पेश किया जाएगा. बजट सत्र के पहले विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने रविवार को सर्वदलीय बैठक की जिसमें विपक्ष के नेता कमलनाथ, गृह और संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा और अन्य ने भाग लिया था. नरोत्तम मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा कि बजट सत्र को बिना किसी व्यवधान के सुचारु रुप से संचालित करने के लिए सर्वदलीय बैठक के दौरान सहमति बनी. विपक्ष के नेता कमलनाथ ने पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस चाहती है कि सभी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हो और राज्य सरकार को विपक्ष के सवालों का जवाब देना चाहिए. विधानसभा सत्र के दौरान गायों की मौत की संख्या में वृद्धि, गौशालाओं बदहाली, खाद की किल्लत, बीज और किसानों को मुआवजा न मिलने के साथ ही बेरोजगारी पर भी चर्चा होने की संभावना है.