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नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पेट्रोल-डीजल से चलने वाले इंजन को पीछे छोड़ते हुए अब 100 प्रतिशत बायो-एथेनाल से चलने वाले इंजन बनाने के लिए कार निर्माताओं से कहा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘मैं अगले 2-3 दिनों में एक फाइल पर हस्ताक्षर करने जा रहा हूं, जिसमें कार निर्माताओं को ऐसे इंजन बनाने के लिए कहा जाएगा जो 100% बायो-एथेनाल पर चल सकें।’गडकरी ने आगे कहा कि दिल्ली में भी कनाडा, ब्राजिल और अमेरिका के जैसे बायो-एथेनाल के जरीए कार चल सकेंगी। उन्होंने कहा, उनकी तीन बड़ी कार निर्माता कंपनियों से बात हुई है और उन्होंने इस बात को लेकर आश्वस्त भी किया है। उन्होंने कहा कि अब दो पहिया वाहन हो या तीन पहिया या हमारी कार, अब सब बिना पेट्रोल के 100% बायो-एथेनाल पर चल सकेंगी, जो किसानों ने तैयार किया है। बता दें कि दुनिया भर में ब्राजील में सबसे ज्यादा गन्ने की पैदावार होती है। इस कारण ब्राजील में एथेनाल का उत्पादन अधिक मात्रा में होता रहा है। यहां पिछले 40 साल से एथेनाल पर काम होना शुरू हो गया था और वर्तमान में ब्राजील ने तेल का आयात घटा दिया है। इसके अलावा भारत में फिलहाल पुणे ही एक ऐसा शहर है जहां तीन एथेनाल स्टेशन हैं। इसी साल पांच जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन E- 100 एथेनाल डिस्पेंसिंग स्टेशन की शुरुआत की थी। बता दें कि इससे पहले गडकरी ने फ्लेक्सी -फ्यूल इंजन मैन्यूफैक्चर करने की आटोमोबाइल इंडस्ट्री से अपील की थी। फिलहाल भारत में एथेनाल से चलने वाली कुछ ही गाड़ियां हैं, जो पुणे में देखी गई है। फ्लेक्सी-फ्यूल व्हीकल्स को आटोमोबाइल की दुनिया में FFVs के नाम से भी जाना जाता है। इसके इंजन में अलग – अलग अनुपात में पेट्रोल और एथेनॉल मिलाकर चला सकते हैं। हालांकि, भारत में फ्लेक्स फ्यूल पर चलने वाली गाड़ियां मार्केट में नहीं आई हैं।

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