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छत्तीसगढ़। माता-पिता की सहमति के बगैर किशोरी को उनकी इच्छा के विपरीत जबरिया ले जाने और विवाह कर शारीरिक शोषण के आरोप में विशेष अदालत पाक्सो कोर्ट ने आरोपित को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अलग-अलग धाराओं को आरोपित को 10 वर्ष से लेकर दो से तीन वर्ष की सजा और जुर्माना भी ठोंका है। कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि सभी सजाएं एकसाथ चलेंगी। जुर्माने की राशि ना जमा करने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।न्यायालय प्रथम एफटीएससी (पाक्सो) अपर सत्र न्यायाधीश के कोर्ट में मामला चला। सुनवाई के बाद विशेष न्यायालय ने आरोपित राकेश यादव उर्फ हल्के यादव के विरुद्ध भादवि की धारा-363, 366, 376, 06 पाक्सो अधिनियम एवं धारा-3 (2) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। राकेश पर आरोप है कि 13 जनवरी 2018 को जिला शिवपुरी मप्र में अवयस्क पीड़िता को उसके माता-पिता की इच्छा के विस्र्द्ध अपहृत कर लिया। साथ ही किशोरी के मना करने के बाद भी उससे जबरिया विवाह कर लिया और लगातार शारीरिक शोषण करते रहा। हाई कोर्ट के निर्देश पर स्थानांतरित हुआ मामला यह प्रकरण पूर्व में विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटी) के न्यायालय में विशेष सत्र (एट्रोसिटी)के रूप में लंबित था। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट के आदेश पर छह जुलाई 2021 को इसे पाक्सो कोर्ट में स्थानांतरित किया गया। प्रकरण को पंजीबद्ध करने के साथ ही सुनवाई प्रारंभ की। अंतरिम जमानत के बाद रेवती हो गई फरार मामले की सहअभियुक्त रेवती गुर्जर को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 20 दिन की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी किया था। जमानत की तय अवधि समाप्त होने के बाद रेवती ने कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण नहीं किया और कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए फरार हो गई। रेवती के खिलाफ कोर्ट ने स्थाई गिरफ्तारी वारंट का आदेश जारी किया है।