भोपाल।मध्य प्रदेश के बड़बानी से ऐसी तस्वीरें आ रही हैं, जो शिवराज सरकार के गांवों में विकास के दावों की पोल खोलती हैं। ग्रामीण कीचड़ भरे रास्ते में मरीज को खाट पर लेटाकर कंधे पर टांग कर मुख्य मांर्ग तक पहुंच रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है कि गांव में कोई सड़क नहीं है और ग्रामीण मिट्टी के कीचड़ भरे रास्ते पर चलने को मजबूर हैं। यह बात अलग है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते हैं कि मध्य प्रदेश की सड़कें अमेरिका जैसी हैं, लेकिन इस गांव में तो सड़क ही नहीं है।

बड़वानी जिले के सेंधवा ब्लॉक के ग्राम पंचायत कुमठाना में आज लोग सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं, तभी तो एक किड़नी की मरीज को खाट पर चार लोग कंधे पर टांग कर कीचड़ भरे रास्ते से अस्पताल लेकर जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के समय इस गांव के बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। लोग काम के लिए नहीं निकल पाते। जब किडनी की समस्या से जूझ रही 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला सिरोटि बाई गंगाराम को तकलीफ होने पर परिजन ग्रामीणों की मदद से कीचड़ भरे रास्ते से मुख्य मार्ग तक लेकर जा रहे थे। इस ग्रामीणों का कहना है कि कुमठाना पंचायत के नवाड फलिया के साथ आसपास के 3 और फलिया गांव जुड़े है. यहां लगभग 60 से 70 घरों में लोग निवास करते हैं। इन्हे मुख्य मार्ग तक जाने के लिए रास्ता नहीं है और फलिया तक कोई वाहन नहीं आता। सबसे ज्यादा परेशानी बारिश में होती है। तीन ओर के रास्ते कीचड़ और पानी से भरे रहते हैं, जिसमें वाहन तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।

यहां नेताओं से सिर्फ आश्वासन मिलता है

ग्रामीणों ने बताया कि तीन साल पहले विधायक को समस्या बताई थी, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला। करीब 25 साल से गांव के हर सरपंच को समस्या बताते आ रहे हैं, लेकिन आश्वासन के अवाला कुछ नहीं मिलता। सड़क न होने के कारण 6 से 12वीं तक की पढ़ाई करने वाले बच्चों को भी समस्या होती है। कीचड़ भरे रास्ते से स्कूल जाना पड़ता है. ज्यादा बारिश होने पर बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। यहां के लोगों को खेतों के लिए खाद, घरों के लिए राशन आदि की व्यवस्था बारिश से पहले करनी पड़ती है। प्रतिमाह राशन लेने के लिए 4 किमी दूर जाना पड़ता है। लोगों न कहा कि बारिश के मौसम में यहां रिश्तेदार भी नहीं आते। यहां तक कि लोग अपनी लड़की का शादी भी इस गांव में करने से कतराते हैं।

एसडीएम तपस्या परिहार ने कही ये बात 

इस मामले के सामने आने के बाद एसडीएम तपस्या परिहार ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है। जनपद सीईओ को ग्रामीणों की समस्या को लेकर निर्देश दिए गए हैं। वहीं पंचायत सचिव परसराम चौहान का कहना है कि सड़क को लेकर प्रस्ताव बनाकर दिया था, जो स्वीकृत होकर नहीं आया है। आगामी दिनों में कार्य योजना बनाकर देंगे।  बहरहाल ग्रामीणों को कीचड़ से निजात मिलेगी या नहीं सड़क की सुविधा मिल पाएगी या नहीं अब भी यह मुहावरा बना हुआ है।

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