[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”Listen to Post”]

नई दिल्ली, एजेंसी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को ब्रिटेन के रक्षा खरीद मंत्री जेरेमी क्विन से बातचीत की। यह बातचीत विमानन और जहाज निर्माण जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर केंद्रित थी। राजनाथ ने ट्वीट किया कि ब्रिटेन के रक्षा खरीद मंत्री जेरेमी क्विन के साथ एक शानदार बैठक हुई। हमने दोनों देशों के लिए विमानन, जहाज निर्माण और अन्य रक्षा औद्योगिक कार्यक्रमों से संबंधित क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों पर चर्चा की।
बीते सप्ताह भारत की अपनी यात्रा के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने घोषणा की थी कि ब्रिटेन रक्षा खरीद में नौकरशाही की भूमिका और आपूर्ति समय में कमी लाने के लिए भारत के लिए एक ओपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस (ओजीईएल) बना रहा है। उन्होंने कहा था कि लंदन स्वदेशी लड़ाकू विमानों सहित अन्य रक्षा उपकरणों के विकास में नई दिल्ली का सहयोग करेगा।
वहीं पिछले दिनों भारत और अमेरिका के बीच हुए 2+ 2 मंत्रिस्तरिय वार्ता में दोनों देशों के बीच सुरक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग को और बढ़ावा देने पर चर्चा हुई। यह सहयोग साथ मिलकर नए अत्याधुनिक सैन्य साजो-सामान के निर्माण से लेकर दोनों देशों के विशेष सैन्य बलों के बीच सामंजस्य को बेहतर बनाने तक होगा। दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल की जरूरत को देखते हुए हर वर्ष बातचीत करने का एक ढांचा तैयार किया गया है जिसकी शुरुआत इसी वर्ष होगी। दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग में एक दूसरे के साथ सूचनाओं को और तेजी से साझा करने पर भी सहमति बनी है।
आपको बता दें, एक दशक पहले तक भारत अमेरिका से कोई भी रक्षा खरीद नहीं करता था। लेकिन मौजूदा वक्त में अमेरिका भारत का एक प्रमुख रक्षा उपकरण आपूर्तिकर्ता देश बन गया है। वार्ता के दौरान सैन्य क्षेत्र में सहयोग पर हुई बातचीत के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अमेरिका हमारा रणनीतिक साझीदार देश है और मैंने अमेरिकी कंपनियों को भारत के रक्षा क्षेत्र में निवेश करने व विकास के लिए आमंत्रित किया है। अमेरिकी कंपनियां भारत में हर तरह के सैन्य उपकरण बना सकती हैं। हम साझा लक्ष्यों को लेकर काम कर रहे हैं। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थायित्व और संपन्नता के लिए भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी बहुत ही महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने यह भी बताया कि उक्त बैठक में भारत के पड़ोसी देशों की स्थिति के बारे में भी चर्चा हुई।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!