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नई दिल्ली, एजेंसी। सूचना के अधिकार (आरटीआइ) से मिली जानकारी को आधार बनाकर भाजपा कांग्रेस पर निशाना साध रही है। उसका कहना है कि सत्ता से हटने के बाद कांग्रेस अपने कार्यालय व अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास का किराया चुकाने में असमर्थ हो गई है। भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के मंत्री व दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा का कहना है कि कांग्रेस किराया चुका सके इसके लिए उन्होंने लोगों से चंदा इकट्ठा करने का अभियान शुरू किया है। तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय द्वारा गुजरात के रहने वाले सुजीत पटेल नामक व्यक्ति को आरटीआइ के तहत दिए गए जवाब को आधार बनाकर ट्वीट किया है।
उन्होंने कहा कि चुनाव हारने के बाद कांग्रेस अब किराया देने में असमर्थ हो गई है, क्योंकि अब वह घोटाला नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मतभेद को छोड़कर एक इंसानियत के नाते कांग्रेस को किराया चुकाने में सहयोग करने के लिए वह अपने स्तर पर सोनिया गांधी रिलीफ फंड शुरू किया है। इसमें लोग कम से कम दस रुपये का सहयोग कर सकते हैं। अब इस ट्वीट को लेकर इंटरनेट मीडिया पर बवाल मचना शुरू हो गया है। कांग्रेस और भाजपा समर्थक एक दूसरे पर हमलावर हैं।
आरोप लगाया जा रहा है कि 26 अकबर रोड स्थित कांग्रेस सेवा दल कार्यालय का दिसंबर, 2012 के बाद किराया नहीं दिया गया है। कुल बकाया 12,69,902 रुपये है। सोनिया गांधी के कार्यालय में सहयोगी रहे ¨वसेंट जार्ज के चाणक्यपुरी स्थित आवास का 5,07,911 रुपये किराया बकाया है। अगस्त 2013 के बाद किराया नहीं दिया गया है। वहीं, सोनिया गांधी के आवास दस जनपथ रोड का किराया 4,610 रुपये बकाया है। सितंबर, 2020 के बाद किराया नहीं दिया गया है।उधर, भाजपा आइटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय का कहना है कि सोनिया गांधी कोरोना संकट के समय कामगारों का पलायन कराने के लिए रेल टिकट वितरित करा रही थीं, लेकिन डेढ़ वर्षों से वह अपने घर का किराया नहीं दी हैं। इसे लेकर उन्होंने ट्वीट भी किया है। भाजपा नेता कांग्रेस नेताओं पर पहले लाकडाउन के समय कामगारों को दिल्ली व मुंबई से बिहार और उत्तर प्रदेश भेजकर कोरोना संक्रमण फैलाने का आरोप लगाते रहे हैं।
वहीं, इसके जवाब में जयकिशन (प्रदेश उपाध्यक्ष, दिल्ली कांग्रेस) का कहना है कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी और ऐतिहासिक राजनीतिक पार्टी है। इसने कभी भी अपने बारे में नहीं बल्कि हमेशा देश की जनता के बारे में सोचा और काम किया। पार्टी की कोशिश कभी भी अनियमितता बरतने की नहीं रही। लेकिन समस्या यह है कि केंद्र की भाजपा सरकार ने कांग्रेस को सियासी स्तर पर ही नहीं, आर्थिक स्तर पर भी कुचलने की कोशिश की है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने भी आग में घी डालने का काम किया है। इसी वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है।