रायपुर: खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री अमरजीत भगत केन्द्रीय पूल में छत्तीसगढ़ से उसना चावल लिए जाने की अनुमति के साथ ही समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए बारदाने की आपूर्ति सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर दिल्ली में जल्द ही केन्द्रीय खाद्य मंत्री से मुलाकात करेंगे। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने पत्र लिखकर केन्द्रीय खाद्य मंत्री से मुलाकात के लिए 10 और 11 नवम्बर के लिए समय मांगा है। उनके साथ चर्चा में छत्तीसगढ़ के खाद्य सचिव के साथ ही अन्य वरिष्ट अधिकारी भी शामिल होंगे।

केन्द्रीय खाद्य मंत्री के साथ चर्चा में छत्तीसगढ़ राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, कस्टम मिलिंग, बारदाने के नियमित आपूर्ति, उसना चावल जमा करने की अनुमति सहित विभिन्न मुद्दें शामिल होंगे। केन्द्र सरकार द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 से संबंधित छत्तीसगढ़ प्रदेश में केन्द्रीय पूल के अंतर्गत 61.65 लाख टन अरवा चावल लेने की अनुमति दी गई है, किन्तु उसना चावल उपार्जन नहीं किए जाने से अवगत कराया गया है। ऐसी स्थिति में प्रदेश में उपलब्ध उसना मिलिंग क्षमता का उपयोग नहीं हो पाने से धान के निराकरण में विलंब की स्थिति उत्पन्न होगी।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में 416 उसना मिल स्थापित हैं, इनकी मासिक मिलिंग क्षमता 5.93 लाख टन है। प्रदेश में उपार्जित कुछ पतले एवं मोटे किस्म के धान की केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित स्पेशिफिकेशन अनुसार अरवा मिलिंग नहीं हो पाती है, जिससे समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के निराकरण को ध्यान में रखते हुए उक्त धान का उसना मिलिंग कराया जाना आवश्यक है।

छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर किसानों से 105 लाख टन धान उपार्जन होना अनुमानित है, जिससे 71 लाख टन चावल निर्मित होगा। राज्य में पीडीएस में 24 लाख टन चावल की आवश्यकता होगी। भारतीय खाद्य निगम में 24 लाख टन अरवा चावल जमा किया जाना है। इसके अतिरिक्त 23 लाख टन उसना चावल भी केन्द्रीय पूल में लिए जाने का अनुरोध किया जाएगा।

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत धान खरीदी के लिए केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित संख्या के अनुरूप नियमित रूप से बारदाना सप्लाई करने का अनुरोध करेंगे। इसके साथ ही विगत खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के बचत नए जूट बारदाने में धान खरीदी एवं चावल उपार्जन की व्यवस्था सहित समितियों को दी जाने वाली कमीशन की राशि में वृद्धि तथा खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 से संबंधित कस्टम मिलिंग चावल जमा करने की समय-सीमा में वृद्धि, केन्द्र सरकार द्वारा लंबित खाद्य सब्सिडी की प्रतिपूर्ति, पुराने बारदानों का उपयोगिता शुल्क, परिवहन शुल्क का निर्धारण सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

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