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रायपुर। गांव या घर के आसपास तेंदुआ घूसे तो तत्काल निकटतम वन अधिकारी अथवा कर्मचारी को फोन एवं व्हाटसअप के माध्यम से सूचना दी जाए। वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा वन्य प्राणियों की सुरक्षा तथा उससे बचाव के लिए सतत रूप से जनजागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। 
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के निर्देशानुसार विभाग द्वारा संयुक्त वन प्रबंधन समितियों की मासिक बैठक में भी क्षेत्रीय वन अधिकारी कर्मचारियों द्वारा आम जनता को वन, वानिकी सुरक्षा, परस्पर सहयोग के साथ-साथ वन्य प्राणियों की सुरक्षा तथा उससे बचाव संबंधित जानकारी लगातार दी जा रही है। साथ ही तेन्दुआ प्रभावित क्षेत्रों में तेन्दुआ के निगरानी के लिए वन मंडल स्तर पर प्रत्येक वन परिक्षेत्र के विभागीय अमले की ड्यूटी लगाई गई है, जिनके द्वारा दिन तथा रात्रि में भी तेन्दुआ पर सतत् निगरानी रखी जा रही है। इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि वन विभाग के द्वारा आमजन में जन-जागरूकता लाने के लिए शासन के समय-समय पर निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार तेंदुआ से बचाव संबंधी जानकारी का भी प्रचार-प्रसार जारी है।उन्होंने वन मंडलाधिकारी धमतरी से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर बताया कि वहां वर्तमान में तेन्दुआ प्रभावित क्षेत्रों में तेन्दुआ को पकड़ने के लिए 5 केज लगाया गया है। इसके अलावा तेन्दुआ प्रभावित क्षेत्र से लगे ग्रामों के स्कूली बच्चों को विभाग के कर्मचारियों की मदद से लाने-ले-जाने का कार्य भी किया जा रहा है। साथ ही स्कूलों के बच्चों तथा ग्रामीणों के बच्चों को जंगल में जाने से मना किया गया है। ग्रामीणों को प्रातः 7 बजे के पूर्व तथा संध्या 5 बजे के पश्चात लकड़ी बिनने के लिए जंगल में जाने हेतु मना किया गया है। सिहावा पहाड़ी में स्थित मंदिर में जाने के लिए लोगों को मना किया गया है तथा सिहावा से ओड़िशा मार्ग में आना-जाना प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने बताया कि तेंदुआ के दिखने की स्थिति में तत्काल निकटतम वन अधिकारी, कर्मचारी को सूचना देवें, तेंदुआ की उपस्थिति की जानकारी आम नागरिक गण तुरंत व्हाट्सएप ग्रुप में भेजें तथा सभी को सावधान करें, गांव के आस-पास तेंदुए की उपस्थिति का पता लगते ही बच्चे, महिलाओं एवं वृद्धों को घर के भीतर रखें, अचानक तेंदुआ से सामना होने की स्थिति में अपने दोनों हाथ ऊपर करके जोर-जोर से चिल्लायें, जंगल के समीप अथवा गांव के बाहर तेंदुआ दिखे, तो जल्द से जल्द उससे दूर जाने का प्रयास करें। तेंदुआ शर्मिला जानवर होता है, उसके कहीं छुपे होने की जानकारी होने पर शांत तथा सुरक्षित दूरी पर रहें, उसके वापस जंगल में जाने का इंतजार करें, रात्रि के समय छोटे बच्चों एवं बुजुर्गों को घर के अंदर सुरक्षित स्थान पर रखें। अगर तेंदुआ से सामना हो जाए, तो दबे पांव पीछे की ओर हटें, इससे बचने का मौका मिलेगा। अपने गांव के आसपास झाड़ियों एवं गड्ढों को यथासंभव साफ रखें। ऐसी जगह में तेंदुआ छुपकर आक्रमण कर सकता है, रात्रि के समय मवेशियों के बाड़े की अच्छी तरह से बंद करें, रात्रि के समय घर के बाहर लाइट जलाकर रखें।

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