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अनिल सोनी
बलरामपुर।बलरामपुर जिले के विकासखंड वाड्रफनगर वन ग्राम मानपुर जोबा जंगल देव स्थल पहाड़ो के बीच बिराजे बाबा बच्छराज कुंवर आज भी विकास की बाट जोह रहा है। श्रद्धालुओं के लिए आज तक पानी, बिजली, सड़क, यात्री प्रतीक्षालय आदि की व्यवस्था नही है। राजनैतिक सत्ताधारियों के साथ विपक्ष पार्टी के उम्मीदवार भी देव स्थल पहुंचकर चुनावी मुदा पे कई घोषणा किए मगर आज तक घोषणा फाइलों में सिमट कर रह गया।
जिला मुख्यालय बलरामपुर से करीब 40 किलोमीटर दूर वाड्रफनगर के ग्राम मानपुर वन जंगल पहाड़ो के नीचे विराजे बाबा बच्छराज कुंवर व ऊपर पहाड़ो के उपर बिराजे माता रानी देवी की पूजा अर्चना करीब 84 वर्षो से श्रद्धालुओं के द्वारा किया जा है। गांव के बैगा राजकुमार ने बताया की करीब 84 वर्ष पूर्व गांव के ग्रामीण जंगल में लकड़ी लेने गए थे इसी दौरान देखा तालाब के किनारे कुछ ही दूरी में एक पेड़ के नीचे बाबा बच्छराज कुंवर की प्रतिमा पड़ा हुआ है। इसके बाद गांव के बैगा सेवक ठाकुर चेरवा को बताया गया। इसके बाद पुजा अर्चना प्रारम्भ की गई बैगा सेवक ठाकुर चेरवा की दो सगी बहन थी। एक बहन की पुत्र नही हो रहे थे बैगा सेवक की बहन ने बाबा बच्छराज कुंवर के पास पहुंचकर पुजा अर्चना कर पुत्र की मांग की एक वर्ष में बैगा की बहन को पुत्र की प्राप्ति हुई इसके बाद गांव में हवा जैसा बाबा बच्छराज कुंवर की प्रचार हो गया। आज प्रतिदिन श्रद्धालुओं पहुचंकर अपनी-अपनी मनोकामनाएं के लिए भक्तिभाव से पूजा अर्चना कर रहें है। पहाड़ो के बीच मे एक गुफा है उस गुफा में आज भी जंगली जानवर विचरण कर रहें हैं।
देवस्थल बाबा बच्छराज कुवंर आज भी विकास की बाट जोह रहा है
बाबा बच्छराज कुवंर आज भी विकास की बाट जोह रहा है। श्रद्धलुओं के लिए सड़क, पानी, बिजली, यात्री प्रतीक्षालय आदि मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।श्रद्धालुओं को केरता मार्ग से बच्छराज कुंवर व मानपुर से बच्छराज कुवंर तक कच्ची मार्ग से देव स्थल पहुचना होता है।
बाबा बच्छराज कुंवर मंदिर सहयोग की राशि के 2016-17 में बना
बाबा बच्छराज कुंवर की पूजा करीब 84 वर्षो तक एक पेड़ के निचे होता रहा। बाबा बच्छराज कुंवर में चढ़ने वाला राशि व जन सहयोग से मंदिर का निर्माण 2016-17 में कराया गया है। बाबा बच्छराज कुंवर से साथ हनुमान मंदिर, शिव मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर का निर्माण कराया गया है।
बाबा बच्छराज कुंवर मंदिर में माह मई व जून में भीड़ होता है
बाबा बच्छराज कुंवर मंदिर में श्रद्धलुओं का भीड़ अधिकांश माह मई, जून में मेला जैसा माहौल निर्मित होता है। बाबा बच्छराज कुंवर में नारियल, के साथ बकरे की बलि चढ़ाया जाता है। समिति के द्वारा बकरे की बलि व वाहन पार्किंग के लिए 30-30 रुपए का रशीद काटा जाता है। मंदिर में बैगा के द्वारा पुजा अर्चना कराया जाता है।
बिजली व सड़क की व्यवस्था नही
जोबा जंगल मे बिराजे बाबा बच्छराज कुंवर में आज तक शासन की बजली नही पहुच पाई। छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण ( क्रेडा) पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि ( बीआरजीएफ अंगर्गत) सोलर स्ट्रीट लाईट से विधुतीकरण करीब 14 लाख रुपए की लागत से कराया गया है उसी से रात में बिजली जलती है। देव स्थल पहुच तक आज तक पक्की सड़क नही बन पाया है। श्रद्धालुओं को जर्जर सड़क में देव स्थल पहुचना पड़ता है।
राजनैतिक सत्ताधारी देव स्थल पहुच कागजो में कई घोषणा किए
देव स्थल व पर्यटन स्थल हेतु बाबा बच्छराज कुंवर पहुचंकर राजनौतिक सत्ताधारी व विपक्ष के नेताओं ने भी मंदिर निर्माण व विकास कार्य हेतु कई घोषणा की मगर आज तक और घोषणा की तरह यह घोषणा भी कागजो में सिमट कर रह गई। आज भी बाबा बच्छराज कुंवर विकास की बाट जोह रहा है।
बाबा बच्छराज कुंवर देव स्थल शिवलिगं व कई स्थानों में पानी निकल रहा है
जोबा जंगल देव स्थल बाबा बच्छराज कुंवर में शासन ने आज तक एक भी ट्यूबवेल खनन नही कराया मगर यहां भगवान का करिश्मा माना जा रहा है। शिवलिगं के साथ दर्जनो पत्थलों से 24 घंटे अपने-आप पानी निकल रहा हैं। उसी पानी से श्रद्धालुओं का नहाते और पानी पीते हैं।
बाबा बच्छराज कुंवर में पांच बैगाओं के द्वारा पूजा कराया जाता है
देव स्थल जोबा जंगल बाबा बच्छराज कुंवर मंदिर में पांच बैगाओं रामकुमार, रूपचंद ,जंगसाय , सूर्यकुमार व चरण के द्वारा सुबह 7 बजे से साम 5 बजे तक पूजा कराया जाता है।