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बलरामपुर। जिले के ग्राम पंचायत खड़िया दामर के आश्रित गांव बुद्धूडीह स्थित बचवार में लोगों क़ो गांव तक पहुंचने के लिए 6 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। यहां मध्यान्ह भोजन का राशन क़ो यहां के दो शिक्षक ही पीठ पर ढोकर ले जाते हैं। इस दौरान उन्हें यहां स्थित चनान नदी क़ो भी पार करना पड़ता है। यह हाल तब है ज़ब ग्रामीण सांसद- विधायक बनाने 70 सालो से वोट करने पहाड़ से नीचे उतरकर मतदान केंद्र तक जाते हैं। जिसके लिए वे दो घंटे पहाड़ पर चलकर नीचे उतरते हैं और इतना ही समय उन्हें पहाड़ पर चढ़ने में लगता है।


बचवार के प्राथमिक स्कूल में पदस्थ शिक्षक सुशील कुमार यादव ने बताया कि प्राथमिक शाला में 10 बच्चे हैं और उनके सहित दो शिक्षक पोस्टेड हैं। वे पहाड़ में ही रूक जाते हैं, अवकाश के दिन घर जाते हैं क्योंकि रोज चार घंटे पहाड़ में चढ़ने व उतरने में समय लग जाता है। उन्होंने बताया कि बरसात के दिनों में चानन नदी क़ो पार करना पड़ता है, यह पहाड़ी नदी है जिसमें कभी भी बाढ़ आ जाता है जिसके कारण बच्चों के मध्यान्ह भोजन के लिए दोनों शिक्षक राशन क़ो बारी बारी से पीठ पर ढोकर उसे स्कूल तक पहुंचाते हैं तब बच्चों क़ो गर्म भोजन मिलता है। यहां के ग्रामीण भी पीडीएस का राशन लेने के लिए पहाड़ से उतरते और चढ़ते हैं। यहां आज तक कोई विधायक या सांसद उम्मीदवार वोट मांगने भी नहीं गए। हालांकि दो साल पहले जिला पंचायत सदस्य धीरज सिंहदेव पहुंचे थे और टीवी उपलब्ध कराया था ताकि यहां के लोग कम से कम दूरदर्शन देखकर देश दुनिया से अवगत रहे। जिसके लिए सौर ऊर्जा से चार्ज होने वाला बैटरी भी दिया गया था।

पहाड़ चढ़ने में दो घंटा लगता है 

यहां मोबाईल का नेटवर्क भी कभी कभार मिलता है वहीं बिजली नहीं होने से सौर ऊर्जा से चलने वाले बल्ब लगाये गए हैं। ट्रांसपोर्ट के लिए सड़क नहीं होने के कारण यहां स्कूल व आंगनबाड़ी भवन नहीं बन सका है और न ही इसके लिए कदम उठाया गया, जबकि वहां उपलब्ध संसाधनों पर ही कच्चा भवन बनाया जा सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि पहाड़  चढ़ने में उन्हें दो घंटा लगता है लेकिन नए लोगों क़ो तीन घंटा लग जाता है और बीमार भी पड़ जाते हैं। बता दें कि यहां लोग आजादी के पहले से रह रहे हैं क्योंकि उन्हें सेटलमेंट का जमीन मिला है।

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