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नई दिल्ली, जेएनएन। बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ की आहट को लेकर देश चिंतित है। इसको लेकर आंध्र प्रदेश और ओडिशा में हाई अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तूफान से निपटने के लिए समीक्षा बैठक बुलाने के साथ तैयारियों का जायजा लिया। तूफान ‘जवाद’ कल यानी शनिवार को आंध्र प्रदेश के तट से टकाएगा। ऐसे में आपदा टीमें तैनात कर दी गई है। इतना ही नहीं करीब 95 ट्रेनों का परिचलान भी रद्द कर दिया गया है। इस तूफान के बाद की स्थिति से निपटने के लिए भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने जहाज और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। जरूरत पड़ने पर थल सेना और वायु सेना की भी मदद ली जाएगी।

मौसम विभाग के अनुमान की मानें तो जवाद तूफान के तट से टकराने के बाद शनिवार की सुबह हवा की गति 100 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। इससे आंध्र प्रदेश, ओडिश और पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में भारी वर्षा होने की आशंका जताई गई है। जवाद के खतरे को ध्यान में रखते हुए हुए ओडिशा के चार जिले- गजपति, गंजम, पुरी और जगतसिंहपुर में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है जबकि और बाकी के सात जिलों- केंद्रपाड़ा, कटक, खुर्दा, नयागढ़, कंधमाल, रायगड़ा, कोरापुट जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव का क्षेत्र शुक्रवार को चक्रवात में तब्दील हो सकता है। चार दिसंबर तक इसके ओडिशा और आंध्र के तटों से टकराने की आशंका है। बता दें, इस बार चक्रवात का जवाद नाम सऊदी अरब ने दिया है। जवाद का अरबी में अर्थ उदार या दयालु होता है।

जानें- कैसे पड़ा तूफान जवाद का नाम
जवाद अरबी भाषा का शब्द है। इसका अर्थ उदार या दयालु होना है। यह नाम सऊदी अरब के सुझाव पर रखा गया है। इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा गया है कि यह तूफान ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाएगा। माना जाता है कि तूफानों के नाम दुनिया के विभिन्न देशों के बीच हुए समझौते के आधार पर रखे जाते हैं। 

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