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नई दिल्ली, एजेंसी। वानखेड़े के मैदान पर खेले गए चेन्नई और मुंबई के बीच मैच में भले ही मुंबई से हारकर चेन्नई की टीम आइपीएल से बाहर हो गई हो लेकिन इससे ज्यादा चर्चा डेवोन कोन्वे के आउट होने को लेकर है। दरअसल चेन्नई की इनिंग्स में पहले दो ओवर की बात करें तो वहां टीम के लिए डीआरएस की उपलब्धता नहीं थी जिसके कारण ये पूरा विवाद सुर्खियों में है। शुरुआती विकेट गिरने के बाद चेन्नई मैच में वापसी नहीं कर पाई और केवल 97 रन बनाकर पूरी टीम आलआउट हो गई। कप्तान धौनी ने 36 रनों की नाबाद पारी खेली।चेन्नई की टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी और डेवान कोन्वे क्रीज पर थे। डेनियल सैम्स के दूसरी ही गेंद कोन्वे के पैड से जा टकराई और उन्होंने एलबीडब्ल्यू की अपील की और फील्ड अंपायर ने उन्हें आउट दे दिया। निर्णय से नाखुश कोन्वे डीआरएस लेना चाहते थे लेकिन तकनीकि समस्या के कारण सीएसके के लिए ये सुविधा उपलब्ध नहीं थी।
इस तरह उनके पास पवेलियन जाने के अलावा कोई विकल्प मौजूद नहीं था और उन्हें वापस जाना पड़ा। रिप्ले में देखा गया है कि गेंद विकेट को मिस कर रही थी। मैदान में नान स्ट्राइकर एंड पर खड़े रुतुराज गायकवाड़ और मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा ने भी फील्ड अंपायर से जाकर बात की लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। आपको बता दें कि कोन्वे शानदार फार्म में थे और उन्होंन पिछले तीन इनिंग्स में चेन्नई के लिए अर्धशतकीय पारी खेली थी। यहीं से सारा विवाद शुरू हुआ।
इतना ही नहीं अगले ही ओवर में चेन्नई के बल्लेबाज रोबिन उथप्पा डीआरएस नहीं ले सके। जसप्रीत बुमराह की गेंद उनके पैड पर लगी और वो भी फैसले के खिलाफ रिव्यू लेना चाहते थे लेकिन अब भी टीम के लिए डीआरएस की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। कुल मिलाकर चेन्नई की टीम शुरुआती दो ओवरों तक बिना डीआरएस की सुविधा के खेल रही थी।
इसको लेकर सोशल मीडिया में खूब चर्चाएं की। किसी ने अंपायरिंग को लेकर सवाल उठाया तो किसी ने इतने बड़े लीग में इस तरह की गलतियों पर अपना गुस्सा निकाला। यहां से चेन्नई की टीम संभल नहीं पाई और पूरी टीम केवल 97 रन बनाकर आल आउट हो गई और मुंबई ने मुकाबला 5 विकेट से जीत लिया। इस हार के साथ चेन्नई का आइपीएल सफर यहीं खत्म हो गया।