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बलरामपुर। बलरामपुर जिले के राजपुर में लोक आस्था का महापर्व छठ के लिए अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती अपने घर-समाज के लिए खुशहाली की प्रार्थना किया। सुदूर गांवों से लेकर जिले तक छठ पर्व की रौनक से अमीर-गरीब हर वर्ग का जीवन रोशन हो रहा है। लोग पूरी श्रद्धा,भक्ति,आस्था और उमंग से पर्व को मनाया। कोरोना के कारण सुस्त पड़े जीवन और बाजार फिर से खिल उठे हैं। घरों से लेकर घाट तक छठी मईया के सुरीले लोकगीतों गूंजा।हालांकि प्रशासन ने कोरोना काल में मनाए जानेवाले छठ पर्व के लिए गाइडलाइन जारी किए हैं। इसके पालन के लिए भी प्रशासन मुस्तैद है। वही थाना प्रभारी अखिलेश सिंह ने पुलिस की ड्यूटी लगाई थी।
हर साल की भांति इस साल भी गेउर नदी के किनारे छठ पर्व पर श्रद्धालुओं व व्रतियों का तांता लगा रहा। व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया और पूजापाठ किया। नवकी सरनापारा गेउर नदी के किनारे छठ पर्व धूमधाम से मनाया गया। छठ पर्व पर यहां मेला जैसा माहौल बना रहा।
राजपुर नगर सहित आसपास के अलावा झींगों, सिंगचोरा, सेवारी, कमारी, कुसमी, बलरामपुर, अम्बिकापुर , सीतापुर, कोरिया, रायगढ़, बिलासपुर आदि से श्रद्धालुगण पहुचे। गेउर नदी मेन गेट से ही नदी तट तक चारो साईड लाइटिंग की चकाचक व्यवस्था की गई। व्रती और भक्त गाजेबाजे के साथ छठ घाट पहुचे। छठ पर्व पर नदी किनारे तीन दिनो तक एक मेला जैसा माहौल बना रहा।
नदी के सामने जगंल है इससे यहां की खूबसूरती और भी बढ़ जाता है, वही नदी किनारे ही शिव मंदिर है। व्रतियों और भक्त पहुच कर पूजापाठ किया। वही नदी किनारे कई बार छठ घाट के निर्माण की घोषणा जनप्रतिनिधियों के द्वारा किया जा चुका है। लेकिन जमीनी स्तर पर इसके लिए प्रयास नही हो सका।इस दौरान मौके पर छठ पूजा समिति के सदस्य एवं अधिकारी-कर्मचारीगण उपस्थित थे।