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रायपुर।मुख्य विपक्षी दल भाजपा विधायकों की गैर मौजूदगी के बीच छत्तीसगढ़ का शीतकालीन सत्र बुधवार को समाप्त हो गया। इससे पहले सरकार ने 2108 करोड़ का अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित करा लिया। वहीं चार संशोधन विधेयकों को भी विधानसभा की मंजूरी मिल गई। विधानसभा का अगला सत्र फरवरी-मार्च महीने में बजट सत्र के तौर पर आयोजित होगा।
अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब बोलने खड़े हुए तो उनके निशाने पर भाजपा थी। भाजपा के बहिष्कार और स्थगन प्रस्ताव को घड़ियाली आंसू बताते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, पिछली सरकार ने रेडी टू ईट की गुणवत्ता पर कोई ध्यान ही नहीं दिया। ऐसा होता तो रमन सिंह का कमीशन मारा जाता। रेडी टू ईट का काम महिला स्व-सहायता समूहों से लिए जाने के फैसले पर सफाई देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 2009 में रेडी टू ईट का काम 1 हजार 627 समूहों को दिया गया था। पांच साल बाद अनुबंध बढ़ाए गए। यूनिसेफ ने रेडी टू ईट के गुणवत्ता टू की जांच की थी। इसमें बताया गया, इन समूहों को कुछ प्रभावशाली व्यक्ति चलाते हैं, महिलाएं केवल मजदूर की भूमिका में हैं। गुणवत्ता मानकों पर भी ये ठीक नहीं पाए गए। सर्वोच्च न्यायालय ने गुणवत्ता को लेकर विस्तृत आदेश जारी किए हैं। इसकी वजह से बदलाव करना पड़ा है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, यही काम गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हुआ है। भाजपा वहां विरोध क्यों नहीं कर रही है। ये घड़ियाली आंसू हैं, जिसका मकसद केवल कमीशनखोरी है। सदन से बाहर पत्रकारों से चर्चा में मुख्यमंत्री ने कहा, भाजपा के लोगों की विषय पर कोई तैयारी ही नहीं है। ये लोग सोचे कुछ और थे। अचानक रेडी टू ईट पर स्थगन ले आए। सरकार चर्चा पर तैयार हो गई तो कार्यवाही छोड़कर चले गए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा केवल मीडिया की चर्चा में बने रहने के लिए ऐसा कर रही है।