[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”Listen to Post”]
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के तीसरे दिन प्रश्नकाल में भाजपा विधायक फिर निलंबित हुए। विवाद खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के एक तंज भरे बयान पर बढ़ा। विधानसभा अध्यक्ष ने इसे कार्यवाही से हटा दिया, लेकिन भाजपा विधायक नहीं माने। वे वेल में उतरकर नारेबाजी करने लगे। इसकी वजह से डॉ. रमन सिंह सहित 10 भाजपा विधायकों को निलंबित कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष के कहने पर मंत्री अमरजीत भगत ने उस बयान के लिए खेद व्यक्त किया। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने धान खरीदी नीति से जुड़ा प्रश्न पूछा। उनके जवाब में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बताया, पिछले वर्ष केंद्रीय पूल में 24 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करना था। अब तक 22 लाख 38 हजार मीट्रिक टन चावल जमा किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने खुले बाजार में धान बेचने से सरकार को हुए नुकसान की जानकारी मांगी। मंत्री ने 524 करोड़ के नुकसान की जानकारी दी। रमन सिंह ने उससे अलग दावा किया। उनका कहना था, सरकार को 900 करोड़ का नुकसान हुआ है।डॉ. रमन सिंह ने कहा, मंत्री उनके प्रश्नों का ठीक से जवाब नहीं दे रहे हैं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से विधानसभा की समिति बनाकर परिवहन और संग्रहण मामले की जांच कराने की मांग की। इस पर मंत्री अमरजीत भगत ने रमन सिंह के कार्यकाल का उल्लेख कर दिया। इस बयान पर भाजपा विधायक भड़क उठे। उनका कहना था, वे भी अब ऐसी ही भाषा का इस्तेमाल करेंगे। विधानसभा का मछली बाजार बनाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने मंत्री अमरजीत भगत के बयान को कार्यवाही से विलोपित करने का निर्देश दिया। इसके बाद भी भाजपा विधायक नहीं माने। सभी लोग वेल में उतरकर नारेबाजी करने लगे। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष के कहने पर मंत्री अमरजीत भगत ने अपने शब्दों के लिए खेद जताया। मंगलवार को भी प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े एकपांच मिनट में ही समाप्त हुआ निलंबन निलंबन के बाद भाजपा विधायक थोड़ी देर के लिए बाहर गए। पांच मिनट में विधानसभा अध्यक्ष ने सभी का निलंबन वापस ले लिया। उसके बाद भाजपा विधायक वापस लौट आए। उन्होंने विरोध स्वरूप मंत्री अमरजीत भगत के विभागों से जुड़ा कोई भी प्रश्न पूछने से मना कर दिया। सवाल पर भाजपा विधायकों ने हंगामा किया था। निलंबन प्रावधान के तहत 11 विधायकों को निलंबित घोषित कर दिया गया। बाद में वे लोग महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गए।