एक तरफ कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता स्वास्थ्य संयोजकों को देवदूत कि उपाधि दे रही, दूसरी तरफ हड़ताली कर्मचारीयों को कार्यवाही का नोटिस जारी
रायपुर।स्वास्थ्य संयोजको के अनिश्चितकालीन आंदोलन को आज 7 दिवस होने जा रहा है, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। स्वास्थ्य मंत्री से 3 दिवस में चर्चा उपरांत भी हड़ताल का कोई निष्कर्ष नहीं निकलने से हजारों स्वास्थ्य कर्मी अभी भी राजधानी धरना दे रहें है।
शासन-प्रशासन का ध्यानाकर्षण हेतु प्रदेश के स्वास्थ्य संयोजको ने बुढ़ातालाब में कल जल सत्याग्रह भी किया और आज स्वास्थ्य संयोजको द्वारा अनोखा प्रदर्शन करते हुए पीपीई किट पहनकर शहर में घुमकर भिक्षा मांगते हुए सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। वही दूसरी तरफ अब विभाग स्वास्थ्य संयोजकों के हड़ताल पर सख्ती से कार्यवाही चालू कर दिया है और कर्मचारीयों को नोटीस जारी कर दिया है। ऐसे में संघ के प्रदेश अध्यक्ष टारजन गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता न्यूज मीडिया में लगातार बयान देकर यह बता रहे हैं कि स्वास्थ्य संयोजको कि गांगो पर जल्द निर्णय लिया जाएगा, कोरोना महागारी के संकट काल में स्वास्थ्य कर्मी हमारे लिए देवदूत बनकर भगवान बनकर काम किए है। पूरे प्रदेश स्वास्थ्य कर्मियों का कर्जदार है और जल्द सरकार इनकी मांगो के लिए निर्णय लेगी, घोषणापत्र में शामिल स्वास्थ्य संयोजको कि मांग सरकार जरूर पूरा करेगी। वही दूसरी तरफ संचालक स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा हड़ताली कर्मचारीयों के उपर कड़ी कार्यवाही के लिए समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारीयों को निर्देशित कर दिया है। सरकार दोहरी नीति चला रही है, प्रदेश के कोरोना योद्धाओं के आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। किन्तु स्वास्थ्य संयोजकों ने कहा है कि जब तक वेतन विसंगति दूर नहीं होगी वे मैदान में डटे रहेंगे। संघ के प्रदेश सचिव प्रवीण टीडवंशी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के इस लोकतांत्रिक देश में आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है और आवश्यकता पड़ी तो अपनी मांगो के लिए प्रदेश भर के हजारो स्वास्थ्य संयोजक जेल भरो आंदोलन कर जेल मे अपनी गांगो के लिए धरना प्रदर्शन करेंगे। संघ के आईटी सेल प्रभारी सुरेश पटेल ने कहा कि शनिवार, रविवार अवकाश के दिवसों में भी स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारीयों के उपर कार्यवाही करने कार्यालय खुलवाया गया। आज जनता के कार्यों के लिए भी ये अधिकारी इतने तत्पर होते तो प्रदेश कि स्थिति कुछ और होती, विभाग के अधिकारी सरकार के विरोध में काम कर ही है और प्रदेश सरकार को बदनाम करने और सरकार के विरुद्ध आंदोलन उग्र करने कर्मचारीयों को उकसा रही है मुख्यमंत्री को इसमे संज्ञान लेने कि आवश्यकता है।