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बलरामपुर। बलरामपुर जिले के राजपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष सहदेव लकड़ा एवं पार्षद सहित नागरिकों ने तहसीलदार सुरेश राय के विरूद्ध मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व निदेशक आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर को पत्र लिखकर पैसों की अवैध वसूली एवं अनैतिक कार्यों एवं भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना और भ्रष्टाचार कर आय से अधिक अनुपातहीन संपति अर्जित करने सहित नौ सूत्रीय गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है।

9 सूत्रीय शिकायत में लगाए गए आरोप

01. जाति- निवास एवं आय प्रमाण पत्रों में पैसों की अवैध वसूली कर फर्जी प्रमाण पत्र जारी करना।
तहसीलदार सुरेश राय द्वारा राजपुर की आनलाईन प्रमाण पत्र जारी किए जाने हेतु प्राप्त आई.डी. एवं पासवर्ड राजेश चौधरी (शिक्षक) जो ग्राम- चांची में किराना दुकान खोलकर निवास करता है उसी को दिया गया है। जिसके माध्यम से जिन प्रकरणों में दस्तावेजों में किसी प्रकार की कोई कमी या अनियमितता होती है उनमें 5000 रुपए प्रति प्रमाण पत्र लेकर ग्राम चांची स्थित राजेश चौधरी के निवास से ही पैसों का लेनदेन कर फर्जी जाति एवं निवास प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। जिस माता-पिता के दो बच्चे हैं उनमें से एक का जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है एवं दूसरे बच्चे का प्रमाण पत्र बार-बार समस्त औपचारिकता पूरा करने पर भी उनका आवेदन निरस्त कर दिया जाता है। तहसीलदार सुरेश राय द्वारा केवल पैसों का लेन देन करके ही प्रमाण पत्र राजेश चौधरी के माध्यम से जारी किए जा रहे हैं।

02. भूमि का क्रय विक्रय हेतु मैनुअल तरीके से नकल जारी किया जाना एवं पंजी का संधारण किया जाना।

विक्रय पत्र का पंजीयन किया जा रहा है ताकि आम नागरिकों को उसका लाभ मिल सके एवं क्रय विक्रय की प्रक्रिया पारदर्शिता से एवं सुलभ हो सके परन्तु तहसीलदार सुरेश राय तहसीलदार ने भूमि के क्रय विक्रय हेतु अपने नियम लागू किए हुए है। जिससे क्रेता-विक्रेता को पटवारी से 17 बिन्दु का प्रतिवेदन प्राप्त कर तहसील कार्यालय में प्रस्तुत कर उसका पंजी में फोटो एवं क्रेता-विक्रेता के हस्ताक्षर का संधारण कर विक्रय दस्तावेजों पर तहसीलदार के प्रति हस्ताक्षर कराना अनिवार्य किया गया है। जिसके एवज में तहसीलदार द्वारा क्रेता-विक्रेता को कई दिनों तक तहसील कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है और परेशान होकर तहसीलदार को प्रति नकल 5000 रूपए से लेकर 50000 रूपए जैसा भूमि का सौदा हो देना पड़ता है। कई प्रकरणों में फर्जी दस्तावेज जारी कर लाखों रूपए के पैसों की वसूली की जाती है। जिसका सत्यापन भूमि पंजीयन के दस्तावेजों एवं नकल जारी करने हेतु संधारण की गई पंजी का मिलान कर किया जा सकता है।

03. विक्रय पंजीयन के दस्तावेजों के आधार पर नामांतरण हेतु पैसों की वूसली एवं फर्जी नामान्तरण किया जाना।
भूमि विक्रय पंजीयन के दस्तावेजों के आधार पर नामान्तरण हेतु आनलाईन सुविधा उपलब्ध है। जिसमें तहसीलदार द्वारा आनलाईन नामान्तरण अपनी आई.डी. एवं पासवर्ड से किया जाता है। परन्तु राजपुर तहसील में विक्रय पत्र के आधार पर नामान्तरण न कर मेन्युअल तरीके से क्रेता विक्रेता को आहुत कर बयान दर्ज कर ग्राम- चॉची स्थित राजेश चौधरी जो कि ग्राम धन्धापुर के शासकीय स्कूल में लाइब्रेरियन (शिक्षक) के पद पर पदस्थ है। किराना दुकान में पैसों का लेन देन एवं शराब का सेवन कर किया जाता है। जिससे प्रति नामान्तरण 10000 से 50000 रूपए तक की वसूली की जाती है और उसके एवज में क्रेता-विक्रेता का बयान प्रिंट करके उनको दस्तखत हेतु दे दिया जाता है जिसमें अधिकतर क्रेता-विक्रेता के हस्ताक्षर फर्जी है और उन बयानों पर तहसीलदार के हस्ताक्षर अंकित है। कई नगेसिया किसानों का नामान्तरण सामान्य वर्ग के लोगों के नाम से किया गया है। एवं नामान्तरण जिनमें क्रेता-विक्रेता नामांतरण करने के एवज में पैसा देने से मना कर देते हैं उन नामान्तरण को कई-कई महीनों से लंबित रखा गया है। और उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इसकी पुष्टी पोर्टल में लंबित नामान्तरण प्रकरणों से किया जा सकता है।

04. मुख्यालय में निवास नहीं करना एवं निजी वाहन का उपयोग किया जाना।
तहसीलदार सुरेश राय को अपने कर्तव्यों के निर्वहन हेतु शासकीय वाहन आबंटित है। तहसीलदार अम्बिकापुर में निवास करते है और वहां से राजपुर आना जाना करते हैं। उनके राजपुर अपने कार्यालय आने का समय 12 बजे से 2 बजे का है। अपनी उपस्थिति दिखाने के लिए वो शासकीय वाहन को सुबह 10 बजे तहसील कार्यालय के सामने खड़ा करा देते हैं और अपने निजी वाहन कार जिसमें तहसीलदार राजपुर का बोर्ड लगा है उससे आना-जाना करते हैं जिसका प्रतिदिन का खर्चा लगभग 2000 रूपए अर्थात् प्रतिमाह लगभग 50000 जिसकी वसूली अपने फर्जी कामों से करते हैं।

05. तहसील कार्यालय में बिना अनुमति एवं संलग्नीकरण के लाइब्रेरियन के पद पर पदस्थ लोगों से दलाली का कार्य कराना।

राजेश चौधरी लाईब्रेरियन, शासकीय हाई स्कूल ग्राम धंधापुर में पदस्थ हैं। उनके बिना संलग्नीकरण आदेश के तहसीलदार राजपुर के कार्य किए जा रहे हैं भूमि क्रय विक्रय हेतु नकल जारी करने एवं राजेश चौधरी भूमि क्रय विक्रय का नामान्तरण, जाति, निवास, आय आदि कार्य तहसीलदार राजपुर की ओर से करते हैं और पैसों की वसूली कर सुरेश राय को देते हैं। एक प्रकार से सुरेश राय ने इन कामों का ठेका दे रखा है जिससे प्रतिमाह लगभग 1000000 ( दस लाख) रूपए से 1500000 ( पन्द्रह लाख) रूपए की वसूली की जाती है।

06.  अवैध फर्जी क्लीनिक का संचालन कराना और मोटी रकम की वसूली।
तहसीलदार सुरेश राय द्वारा अपने रिश्तेदार बहनोई के माध्यम में दास पैथोलाजी के नाम से फर्जी मेडिकल स्टोर पैथोलाजी लैब एवं से राजपुर क्लीनिक हास्पीटल का संचालन किया जा रहा है। जिसमें बुखार पिड़ित लोगों को फर्जी लैब रिपोर्ट टाईफाइड की बना कर उनको अपने क्लीनिक में इलाज कर मोटी रकम वसूल की जा रही है। अनुभवहीन एवं अयोग्य व्यक्ति के द्वारा इलाज किए जाने से कई लोगों की मृत्यु हो चुकी है और कई लोगों द्वारा अम्बिकापुर जाकरजांच कराने पर दास पैथोलाजी की जॉच रिपोर्ट गलत पाया गया है। यह पूरा गोरखधंधा सुरेश राय तहसीलदार के सह पर हो रहा है। जिसमें वह भागीदार है और यह फर्जी लैब अस्पतला शासकीय अस्पताल के सामने संचालित है। जिससे प्रतिमाह 500000 (पाँच लाख) रूपए की अवैध कमाई सुरेश राय तहसीलदार राजपुर के द्वारा की जाती है।

07. पैसों का लेनदेन कर शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण कराना।
सुरेश राय द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के आवास के पीछे खुलेआम शासकीय भूमि पर अवैध मकान का निर्माण अपनी मौन स्वीकृति प्रदान करा दी गई और बार-बार जनप्रतिनिधियों के बोलने के बाद भी अवैध अतिक्रमण कर शासकीय भूमि पर मकान बना दिया गया। जिसमें सुरेश राय तहसीलदार राजपुर द्वारा मोटी रकम का लेन-देन किया गया है।
08.  अपराधिक प्रकरण पूर्व में दर्ज एवं कई बार स्थानान्तरण के बाद भी पैसों के दम पर तहसीलदार राजपुर के पद पर बने हुए हैं।
सुरेश राय के उपर पूर्व में सूरजपुर जिले में आदिवासी अत्याचार निवारण अधिनियम एट्रोसिटी के तहत् अपराध दर्ज किए गए है एवं इनका बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर तहसील में स्थानान्तरण आदेश भी जारी किया गया था। परन्तु अपने पैसों के दम पर इनके द्वारा अपना स्थानान्तरण निरस्त करा दिया गया है एवं विगत दो वर्षों से अधिक समय से राजपुर तहसील में जमे हुए हैं।

09. पैसों का लेन देन कर धान का पंजीयन कराना एवं राईस मिलरों से स्टॉक सत्यापन के नाम पर पैसों की वसूली।
सुरेश राय तहसीलदार द्वारा राजपुर तहसील के साधारण कृषकों से जिनके द्वारा धान की खेती की गई है पंजीयन करने के एवज में 5000 से 10000 रूपए की वसूली की गई है और कई किसानों से पैसा लेने के बाद भी धान का पंजीयन नहीं किया गया जिससे किसान मानसिक एवं आर्थिक रूप से परेशान हैं। 
शिकायत करने वाले नगर पंचायत अध्यक्ष सहदेव राम लकड़ा, पार्षद महेंद्र गुप्ता, प्रवीण अग्रवाल, राजकुमार अग्रवाल, विपीन यादव, तारा सोनी, मंटू पांडेय हैं।

# क्षेत्र भ्रमण के दौरान जन मानस के द्वारा तहसीलदार सुरेश राय के कार्यप्रणाली कों लेकर जनमानस ने बाते कही है उसी को लेकर मेरे द्वारा पत्र लिखकर शिकायत करते हुए कार्यवाही की मांग की गई है। सहदेव लकड़ा, अध्यक्ष नगर पंचायत राजपुर।
# मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं मेरे द्वारा सिर्फ अपने कर्तव्य का पालन किया जा रहा है। भू- माफियाओं के द्वारा गलत काम करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है गलत काम नहीं करने पर शिकायत की गई हैं।
सुरेश राय, तहसीलदार राजपुर।

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