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नई दिल्ली, एजेंसी। ऑल इंडिया बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एम्प्लाइज फेडरेशन (BAMCEF) ने 25 मई यानी आज भारत बंद बुलाया है। ये भारत बंद केंद्र सरकार सेअन्य पिछड़ी जातियों की जाति आधारित जनगणना कराने की मांग को लेकर किया जा रहा है। इस भारत बंद के लिए बहुजन मुक्ति पार्टी और ऑल इंडिया बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एम्प्लाइज फेडरेशन (BAMCEF) मिलकर काम कर रहे हैं। इन्हें बहुजन क्रांति मोर्चा का भी समर्थन मिला है।
क्या है भारत बंद करने वालों की मांग
बामसेफ भले ही तमाम मुद्दों को लेकर भारत बंद की अपील की हो, लेकिन प्रमुख तौर पर जातीय जनगणना की मांग है। बामसेफ ने भारत बंद केंद्र सरकार द्वारा अन्य पिछड़ी जातियों की जाति आधारित जनगणना कराने से मना करने के चलते किया जा रहा है।
1-जाति के आधार पर हो जनगणना
2-किसानों को मिले एमएसपी की गारंटी
3-चुनाव में बंद हो ईवीएम को इस्तेमाल
4-पर्यावरण संरक्षण की आड़ में आदिवासी लोगों के विस्थापन न हो
5-एनआरसी और सीएए को रोका जाए
6-निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू हो
7-फिर से लागू हो पुरानी पेंशन योजना
8-लोगों को टीका लगवाने के लिए मजबूर न किया जाए
भारत बंद को किसी बड़े दल का नहीं मिला समर्थन
बामसेफ द्वारा जातीय जनगणना की मांग को लेकर भारत बंद को कुछ दलित राजनीतिक पार्टियों ने समर्थन किया है, पर किसी बड़े राजनीतिक दल का सहयोग नहीं मिल सका है। बामसेफ के अध्यक्ष वामन मेश्राम ने कहा कि हमारे भारत बंद आंदोलन को राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा, भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन मुक्ति मोर्चा और कई अन्य संगठनों ने समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी मुख्य मांग यही है कि जनगणना में जातियों की संख्या को गिनने की बात भी शामिल की जाए। जातिगत जनगणना की मांग को लेकर बामसेफ के द्वारा भारत बंद के आह्वान को किसी बड़े दल का समर्थन अभी तक नहीं मिल सका है। हालांकि, जातिगत जनगणना की मांग करने वाले तमाम दल बामसेफ के फैसले को बेहतर बता रहे हैं, लेकिन उसके साथ सड़क पर उतरने और अपना समर्थन देने से बच रहे हैं।
कहां पड़ सकता है असर
इस भारत बंद (Bharat Bandh 2022) का असर दुकानों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर हो सकता है, जिसकी वजह से आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। भारत बंद बुलाने वाले लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से दुकानदारों से अपील की है कि वे अपनी दुकानों को बुधवार को बंद रखें।

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