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नई दिल्ली, एएनआइ एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मद्रास हाई कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें राज्य कोटा कानून को खारिज करने का आदेश दिया गया है। इस कानून में तमिलनाडु के एक पिछड़े समुदाय वनियार को 10.5 फीसद विशेष आरक्षण प्रदान करने की बात कही गई है।
फरवरी में तमिलनाडु विधानसभा ने पारित किया था बिल
तमिलनाडु विधानसभा ने फरवरी महीने में AIADMK पार्टी के बिल को पारित किया था। इसमें वनियार समुदाय को आंतरिक रूप से 10.5 फीसद आरक्षण देने का फैसला किया गया था। इसके बाद DMK की सरकार ने जुलाई, 2021 में इसे लागू करने का आदेश जारी किया था। इसके तहत अति पिछड़ा वर्ग (MBC) को मिलने वाले 20 फीसद आरक्षण को तीन भागों में विभाजित कर दिया गया था। इनमें 10.5 फीसद की व्यवस्था राज्य के पिछड़े वर्ग वनियार समुदाय के लिए की गई थी। इस समुदाय को पहले ‘वन्नियाकुल क्षत्रिय’ के नाम से जाना जाता था।
पिछले माह सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा था सुरक्षित
इससे पहले फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने वनियार समुदाय को मिलने वाले आरक्षण मामले में दायर याचिकाओं पर फैसले को सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने वनियार समुदाय को मिले आरक्षण को खारिज कर दिया था। जस्टिस एल नागेश्वर राव और बीआर गवई की बेंच ने सभी पक्षों को लिखित बयान दायर करने को भी कहा था।उल्लेखनीय है कि कोर्ट पहले ही की गई सुनवाई में इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेजने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि फैसले का अध्ययन करने के बाद यह विचार किया गया है कि इसे बड़ी बेंच के पास भेजने की जरूरत नहीं है। बता दें कि मामले में दायर याचिका में कर्नाटक हाईकोर्ट की ओर से 1 नवंबर, 2021 को दिए गए फैसले को चुनौती दी गई है। कोर्ट ने वनियार समुदाय को मिले आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए खारिज कर दिया था।