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अंबिकापुर। शासन-प्रशासन चाहे लाख दावा करे मगर अवैध कोयला का परिवहन रुक नही सकता इसका उदाहरण सूरजपुर जिले के एसईसीएल महान 3 व बलरामपुर जिले के लोधीडांड़, धाजागीर, जगिमा, पटना व जोताड़ में देखने को मिल जाएगा। प्रतिदिन दर्जनों ट्रक, 407 ट्रक, ट्रैक्टर व पिकअप में अवैध कोयला लोड कर फर्जी दस्तावेज के माध्यम से सीधे डिपो व ईट भट्ठा पहुचाया जा रहा है। प्रशासन को जानकारी होने के बाद भी कोई कार्यवाही नही की जा रही है। कोल माफिया बेधड़क अवैध कोयला निकाल कर सीधे डिपो व गमला, चिमनी ईट भट्ठा भेज रहे हैं। राजस्व विभाग को लाखों रुपए का नुकसान पहुचाया जा रहा हैं। कोयला का अवैध कारोबार में पंचायत कर्मचारी, कुछ राजनैतिक सताधारी व जनप्रतिनिधियों का नाम सामने आई है।


अवैध कोयला के बारे में अधिकारियों को भी मालूम है
कोयला का अवैध कारोबार वर्षो से संचालित है और इसकी जानकारी राजस्व व माईनिंग विभाग को भी  लेकिन इस पर रोक लगाने सार्थक पहल नही की गई। कार्यवाही के नाम पर कभी- कभार गरीब तबके के सायकल सवार ग्रामीणों से काले हीरे ज़ब्त कर लिया जाता है।कोयला का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से चल रहा है। इस कारोबार में एक्सीवेटर मशीन के अलावा अधिकांश पहाड़ी कोरवा, पंडो जनजाति एवं आदिवासी युवती ,युवको से उत्खनन जोरो से कराया जा रहा है।


दर्जनों ट्रक, पिकअप अवैध कोयला प्रतिदिन निकल रहा है
एसईसीएल महान 3, लोधीडांड़ व धाजागीर अवैध काले हीरे कार्य मे लगे श्रमिकों ने एवं गांव के ग्रामीणों ने बताया कि कोयला तस्करो के द्वारा उन्हें खदान एवं बाहर  से कोयला खोदकर एक ट्रक कोयला लोड़ करने का 35 हजार रुपए, 407 में कोयला लोड करने का 10 हजार, एक पिकअप व ट्रैक्टर में 5 हजार रुपए ही मिलता है जबकि यही कोयला बाजार में एक ट्रक का 80 से 90 हजार रुपए में बिकता है। कोयला तस्करों का माईनिंग एवं राजस्व विभाग में तगड़ी पैठ है इसलिए इनका अवैध कारोबार कभी प्रभावित नही होता। गर्मी शुरू होते ही अवैध कोयला का कारोबार धड़ल्ले से चालू हो गया। इलाके के ग्रामीणों ने बताया कि कोयला के अवैध उत्खनन के बारे में माईनिंग, राजस्व विभाग सहित संभाग के उच्चाधिकारियों को भी मालूम है। पूर्व में कई बार शिकायत की गई लेकिन उच्चधिकारियों के द्वारा मामले में गंभीरता नही दिखाने से अवैध कारोबार पर लगाम नही लग पा रहे है इसी कारण कोल माफिया सक्रिय होकर अवैध कार्य को अंजाम दे रहे हैं।


अवैध कोयला चोरी में संभाग के माफिया शामिल
इस अवैध कोयला कारोबार में सरगुजा संभाग के अम्बिकापुर, सुरजपुर व बलरामपुर के एक दर्जन से अधिक कोल माफिया सक्रिय है। कोल माफिया अपना वाहन लेकर शाम होते ही सेटिंग के लिए गांवों में पहुंच जाते है। रातोंरात अवैध कोयला को लोडिंग करा कर सीधे गमला, चिमनी ईट भट्ठा एवं डिपो में पहुचाया जा रहा है।


ईट भट्ठा के अलावा चार रास्तों से पार होता है अवैध कोयला
ईट भट्ठा के अलावा चोरी का अवैध कोयला इन चार रुट से पार होता हैं। पहला रास्ता चौरा, दुप्पी, लोधीडाँड़, छिंदियाडाँड़, धंधापुर, खोडरो, खुखरी, बरियों, धौरपुर, लुंड्रा, होते हुए रघुनाथपुर कोयला भेजा जाता है। दूसरा रास्ता खड़गावा से सोनगरा होते हुए वाड़फनगर , तीसरा रास्ता खड़गावा से सोनगरा होते हए बनारस मेन रोड हैं व चौथा रास्ता दुप्पी, चौरा, लोधीडाँड़, छिंदियाडाँड़, मुरका, गोपालपुर, करवा, पतरातू , झींगों होते हुए राजपुर, सेवारी, कमारी, भदार इन चार रुट से रोजाना कोयला पार हो रहा है।


खदान के बाहर व भीतर सक्रिय हैं कोल माफिया 

महान 3 ओपन कोयला खदान में दर्जनों कोल कोल माफिया सक्रिय हैं कुछ भीतर से कोयला पार कराते हैं। कुछ खदान के बाहर आसपास से ग्रामीणों से कोयला चोरी कराते हैं। दर्जनों ग्रामीण रात में बोरा, तगाड़ी, थैला लेकर एक साथ कोयला खदान में घुसकर एक घंटे में ही ट्रक लोड कर देते हैं। कोल माफिया की तगड़ी पैठ है इस लिए कोल माफिया कभी नही पकड़े जाते। 


दर्जनों गांव में अवैध ईट भट्ठा संचालित है
बलरामपुर जिले सहित राजपुर, नरसिंहपुर, परसागुड़ी, डिगनगर, बरियों, सिंगचोरा, सेवारी, भदार, कमारी, बासेन, पस्ता, जिगड़ी, कोचली, डवरा, सिधमा, गोपालपुर, करवा, मुरका, अमदरी, पहाड़खड़ुआ, झींगों, कौडू माकड़ आदि गावों में अवैध ईट भट्ठा संचालित हो रहा है।

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