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छत्तीसगढ़।छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के नक्सलगढ़ गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पहली बार मेगा हेल्थ कैंप का आयोजन किया। इस हेल्थ कैंप से अंदरूनी गांव के लगभग 300 से ज्यादा लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई। बीमार मरीजों को मौके पर ही दवा दी गई। से वहीं गंभीर बीमारी से जूझ रहे कुछ मरीजों को जिला अस्पताल लेकर आए। साथ ही मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के तहत कई ग्रामीणों की मलेरिया की जांच भी की गई। गांव के 78 ग्रामीणों को कोरोना का टीका लगाया गया।बीजापुर जिला मुख्यालय से महज 40 किमी दूर ग्राम पंचायत पदमुर अंतर्गत अति संवेदनशील गांव पेदाजोजेर है। यह धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। इस गांव तक पहुंचना आसान नहीं है। शासन-प्रशासन की पहुंच से अब तक यह गांव काफी दूर रहा है। गुरुवार को जंगल, नदी-नाले और दुर्गम पहाड़ी रास्तों को पार कर पहली बार स्वास्थ्य विभाग की टीम पेदाजोजेर गांव तक पहुंची। जिन्होंने इलाके में हेल्थ कैंप लगा कर लगभग 300 से ज्यादा ग्रामीणों का इलाज किया।बीजापुर बीएमओ डॉ. राजेन्द्र रॉय ने बताया कि, इस हेल्थ कैंप में मलेरिया मुक्त अभियान के अंतर्गत 200 ग्रामीणों की जांच की गई। बीपी के 3 और की शुगर के 1 मरीज मिले। गांव में मोतियाबिंद और निमोनिया के 2, एनिमिया के 2, बुखार सर्दी-खांसी के 50, उल्टी-दस्त पेट दर्द के 5 और मलेरिया के कुल 9 मरीज पॉजिटिव मरीज मिले हैं। साथ ही चर्म रोग के 12 मरीजों का उपचार किया गया। गांव की 4 गर्भवती महिलाओं की सेहत की जांच भी की गई। साथ ही बीमार मरीजों को मौके पर ही दवाइयों का वितरण किया गया और स्वास्थ्य संबंधी परामर्श दिए गए।


अब तक बीमारियों का देसी इलाज करवाते थे ग्रामीण
पेदाजोजेर गांव के ग्रामीण अब तक विभिन्न बीमारियों का गांव के सिरहा से ही देसी इलाज करवाते आए हैं। बहुत कम मरीज अस्पतालों और डॉक्टरों पर निर्भर थे। इस लिए ग्रामीणों को गंभीर बीमारियों से जल्द छुटकारा नहीं मिलता था। जब स्वास्थ्य विभाग की टीम को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने गांव में हेल्थ कैंप लगाकर ग्रामीणों का इलाज किया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अब समय-समय पर मेडिकल टीम गांव पहुंच ग्रामीणों की सेहत की जांच करेगी ।

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